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बक्सर। बिहार के बक्सर जिले में बुधवार को किसानों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। बक्सर जिले में बुधवार को चौसा में थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के एवज में मुआवजे की मांग कर रहे किसानों के साथ भिड़ंत में 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को दरभंगा जिले में अपनी 'समाधान यात्रा' के दौरान मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्होंने बक्सर के जिलाधिकारी से बात की है और वहां स्थिति नियंत्रण में हैं। इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बक्सर में किसानों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बारे में गुरुवार को राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''यह घटना घोर निंदनीय है और नीतीश कुमार एवं पुलिस के अमानवीय चेहरे को उजागर करती है।'' उन्होंने कहा, ''किसानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई बर्बर थी। किसानों ने बताया है कि मंगलवार को बक्सर के मुफस्सिल थाना के पुलिसकर्मियों ने उनके घरों में घुसकर मारपीट की।
जब वे सो रहे थे, उन्हें डंडों और जूतों से पीटा।'' पासवान ने आरोप लगाया कि अपनी 'समाधान यात्रा' में व्यस्त राज्य के मुख्यमंत्री को बक्सर में किसानों की समस्याओं, बढ़ती बेरोजगारी और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की कोई परवाह नहीं है। घटना के एक दिन बाद गुरुवार को बनारपुर गांव में बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान महापंचायत के लिए एकत्र हुए। थर्मल पावर प्लांट के रेल कॉरिडोर और पानी पाइपलाइन परियोजना के लिए करीब 300 किसानों की जमीन ली जा रही है। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में उतरे और उनकी सभा में शामिल हुए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए किसानों की कथित तौर पर पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किए जाने की मांग की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि पुलिस किसानों के घरों में घुस गई और उनके साथ मारपीट की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''वे किसान हैं, अपराधी नहीं।'' भाजपा नेता ने आंदोलनकारी किसानों से अपील की कि वे हिंसा का सहारा न लें।
Shantanu Roy
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