धनबाद: वर्षों से बंद पड़े जिला परिषद के विवाह मंडप तथा सामुदायिक भवनों का अब उपयोग होगा. इन भवनों के संचालन की जिम्मेवारी निजी हाथों में सौंपी जाएगी. इसकी कार्ययोजना बना ली गई है. जिले में बंद पड़े जिला परिषद के 12 से अधिक भवनों की डाक खुली बोली से की जाएगी. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है.
जिला परिषद की आय बढ़ाने की योजना के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है. बंद रहने तथा उपयोग नहीं होने के कारण भवन जर्जर होने लगे हैं. जिला परिषद के सदस्यों का कहना है कि कई भवन असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गए हैं. इनके संचालन की जिम्मेवारी निजी हाथों में देने से भवन भी सुरक्षित रहेंगे. जिला परिषद की आय भी बढ़ेगी. रोगगार का सृजन भी होगा और जनता को सुविधा भी मिलेगी. विवाह भवन तथा सामुदायिक भवनों के भाड़े को लेकर जिच है. जिला परिषद ने भाड़ा तय करने के लिए रिपोर्ट मंगवाई थी. जानकारी के मुताबिक इसका भाड़ा प्रतिदिन 11 हजार रुपए तय किया गया है. इस बारे में जिला परिषद के सदस्यों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विवाह भवनों के लिए तय किराया अधिक है. यह राशि गांव के सामान्य लोगों की पहुंच से दूर होगी. इसमें संशोधन की मांग भी सदस्यों ने की है. जिला परिषद के अधिकारियों ने भी इस पर सहमति जताई है.
15 दिनों में होगा डाक 15 भवनों से संचालन की जिम्मेवारी निजी हाथों में देने के लिए 15 दिनों के अंदर खुली बोली से डाक किया जाएगा. इसके बाद एकरारनामा कराया जाएगा.