दरभंगा न्यूज़: हेपेटाइटिस बी से पीड़ित होना शहर के हॉस्पिटल रोड निवासी भारत कुमार मिश्रा के लिए अभिशाप बन गया. वे अपने जख्मी पांव के ऑपरेशन के लिए करीब पांच साल तक डीएमसीएच के अलावा पीएमसीएच और आईजीआईएमएस का चक्कर लगाते रहे. हालांकि कहीं भी उनका ऑपरेशन नही हो सका.
थक-हारकर कुछ दिनों पहले उन्होंने डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. हरिशंकर मिश्रा को अपनी आपबीती सुनाई. अधीक्षक ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया. आखिरकार ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. रामाशीष यादव के यूनिट में उनका ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन में वर्षों देर होने के कारण श्री मिश्रा को अपना बायां पांव गंवाना पड़ा.
ऑर्थोपेडिक विभाग में बेड नंबर 103 पर इलाजरत श्री मिश्रा ने आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 के अक्टूबर में चोट लगने से उनका बायां पांव गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. वे डीएमसीएच में भर्ती हुए थे. जब चिकित्सकों को पता चला कि वे हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं तो उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया.
पीएमसीएच पहुंचने पर वहां से उन्हें आईजीआईएमएस भेज दिया गया. वे दोनों अस्पतालों के बीच कई दिनों तक चक्कर लगाते रहे. जब इलाज नहीं हुआ तो वे थक-हारकर घर लौट आए. श्री मिश्रा ने बताया कि कई वर्षों तक घर पर रहकर ही वे घाव की ड्रेसिंग करते रहे. इधर जब जख्म बढ़ता गया तो उन्होंने इलाज के लिए वर्तमान अधीक्षक से गुहार लगाई. अधीक्षक की पहल पर उनका ऑपरेशन हुआ. हालांकि उन्हें एक पांव गंवाना पड़ा. अधीक्षक डॉ. हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि मरीज अपनी पीड़ा लेकर उनके पास पहुंचे थे. वे कई वर्ष से इलाज के लिए भटक रहे थे. उन्होंने इस सिलसिले में कई कागजात दिखाए. त्वरित कारवाई करते हुए उनका ऑपरेशन कराया गया.