मानसून की लेटलतीफी से मात्र 10 फीसदी ही हुई धान की रोपनी पिछड़ी
सिवान न्यूज़: जिले में धान की रोपनी की रफ्तार काफी धीमी गति में है. इसके पीछे की वजह मानसून की लेट-लतीफी बतायी जा रही है. जिले के विभिन्न प्रखंडों से प्राप्त सूचना के अनुसार लक्ष्य के करीब 10 फीसदी यानी 9742.44 हेक्टेयर में धान की रोपनी ही हो पाई है.
हालांकि, तेजी रही तो 20 जुलाई तक 40 फीसदी से अधिक हिस्से में रोपनी हो जाएगी. 30 जुलाई तक अच्छादन का लक्ष्य 90 प्रतिशत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. किसानों की मानें तो अभी 20 फीसदी ही बिचड़े तैयार हो पाए हैं. इसी वजह से धान की रोपनी पिछड़ रही है. अगले 10 दिनों में 50 से 60 प्रतिशत धान के बिचड़े रोपनी के लिए तैयार हो चुके होंगे.
पिछले सप्ताह में अच्छी बारिश होने के कारण बिचड़ों में ग्रोथ देखा जा रहा है. किसान बीरबल प्रसाद ने कहा कि धान के बिचड़े 25 दिन के भीतर ही तैयार हो जाते हैं. मई और जून में लगातार पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से किसान बिचड़ा समय से डाले ही नहीं. मानसून की लेटलतीफी भी किसानों के मनोबल को तोड़ दी थी. हालांकि, मानसून के आगाज होते ही किसानों ने अंधाधुंध बिचड़ा डालना शुरू कर दिया. किसान दुर्गावती देवी ने कहा कि अगर मानसून आने में और देरी होती तो खरीफ सीजन की कोई दूसरी फसल की बुआई की जाती.
93753.82 हेक्टेयर में होनी है धान की रोपनी जिले में 93753.82 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है. जिसका अभी 10.39 प्रतिशत ही रोपनी हो सकी है. धान के बिचड़ा डालने का कुल लक्ष्य 9300 हेक्टेयर में रखा गया था. इसका करीब 99 प्रतिशत बिचड़ा किसानों ने डाल दिया है. किसानों का कहना है कि अब धान का बिचड़ा न डालकर किसान इसकी सीधी बुआई करेंगे. कई किसान तो वर्षों से सीधी बुआई (बावग डालना) करते आ रहे हैं. खाद-बीज के दुकानदारों ने बताया कि दियारा और चंवरी क्षेत्र के किसान बावग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.