बिहार। साइबर फ्रॉड का आतंक बिहार में काफी ज्यादा बढ़ गया है. आमलोगों के साथ पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी वो अपना शिकार बना रहे हैं. कंकड़बाग थाना क्षेत्र के इंदिरानगर के रहने वाले यूपी के दारोगा शिवशंभू प्रसाद को गूगल से ऑनलाइन नंबर निकालना भारी पड़ गया. शातिरों ने उन्हें कॉल कर पहले एक एप डाउनलोड करवाया, फिर तीन बार में दो लाख रुपये की निकासी कर ली. इस संबंध में उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवायी है. वे छठ पूजा में घर आये हुए थे. उसी दौरान घर में बिजली से संबंधित कुछ समस्या हो गयी. उन्होंने बिजली विभाग का नंबर गूगल से खोज कर कॉल किया तो किसी ने नहीं उठाया. बाद में देर रात एक फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को बिजली विभाग से बताया. उसने कहा कि आधे घंटे भीतर एक मिस्त्री पहुंच जायेगा और सब ठीक कर देगा.
नाम, नंबर और पता इस लिंक पर फीड कर दें
कॉल करने वाले शख्स ने एक लिंक भेजा और दारोगा से अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर की जानकारी देने को कहा. लिंक पर दारोगा ने जैसे ही क्लिक किया कि उनके मोबाइल पर एक एप डाउनलोड हो गया. एप डाउनलोड होने के महज कुछ मिनटों के बाद ही तीन बार में खाते से दो लाख रुपये की निकासी हो गयी. जब उन्होंने मैसेज देखा, तब जाकर इस बात की जानकारी मिली.
बैंक या कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को हैक करके रखते हैं साइबर अपराधी
गुगल से कि सी बैंक या कंपनी का कस्टमर केयर का नंबर खोजने के बाद उस पर कॉल करने के बाद साइबर बदमाश खातों से रकम निकाल रहे हैं. साइबर बदमाशों ने एक तरह से बैंक या कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को हैक कर रखा है. इसके कारण अगर कोई संबंधित बैंक को अपनी शिकायत करने के लिए फोन करता है, तो उनके कॉल को साइबर बदमाश रिसीव करते हैं. इसके बाद झांसा में ले बैंक खाते से संबंधित जानकारियां ले या एनी डेस्क एप को डाउनलोड कराने के बाद रकम की निकासी कर लेते हैं. ऐसी कई घटनाएं पटना में हो चुकी है, जो गुगल से नंबर नि काल कस्टमर केयर को कॉल करने के दौरान हुई है. सूत्रों का कहना है कि साइबर बदमाश कस्टमर केयर के नंबर को हैक करने के लिए कई तरह के एप का इस्तेमाल करते हैं.