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दरभंगा। शारदा इंस्टिट्यूशन परिवार और हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी विकासात्मक समिति द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन आचार्य वेदानंद शास्त्री ने कहा कि प्रत्येक मानव को अपनी परीक्षा, समाज की समीक्षा एवं भगवान की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हमें हर क्षण सतर्क रहना पड़ेगा कि हमसे कोई शारीरिक, व्यावहारिक और मानसिक भूल न हो जाए। उन्होंने भारत में तीन भरत के अवतारों का भी वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत में जिस भरत का वर्णन है वह परम भक्त और तपस्वी थे। प्रत्येक मानव को अपने सारे कर्मों एवं व्यवहारों को भगवान को समर्पित करना चाहिए। जिससे हमें दोबारा इस मोह रूपी संसार में आकर कष्ट ना भोगना पड़े।
अजामिल की कथा को बताते हुए उन्होंने कहा की भले ही आप जितने भी वेद विशारद, धर्मनिष्ठ या भगवान के भक्त हों और आपकी वृत्तियां अगर दूषित हो जाएगी तो आप भी अपने पथ से भटककर मर्यादा हीन व्यवहार में लग जाएंगे। अतः शुद्ध और सात्विक विचारों से भगवान का कीर्तन ,भजन , मनन एवं स्मरण करते रहना चाहिए। उन्होंने भगवान के वामन अवतार की कथा को बताते हुए कहा कि मानव को कभी भी अपने ऐश्वर्य, धन, और रूप का अहंकार नहीं करना चाहिए। जैसा राजा बलि के साथ हुआ। भगवान ने अपने तीन ही पग में उनका शरीर भी दान में ले लिए। श्री राम अवतार एवं श्री कृष्ण अवतार का वर्णन करते हुए श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।
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