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बिहार में हर साल मिल रहे डेढ़ लाख नए टीबी मरीज

Admindelhi1
5 April 2024 6:37 AM GMT
बिहार में हर साल मिल रहे डेढ़ लाख नए टीबी मरीज
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इसमें 86 प्रतिशत यानी 1 लाख 36 हजार ठीक हो गए

गोपालगंज: भारत को तक और विश्व को 30 तक टीबी (यक्ष्मा) रोग मुक्त करने का लक्ष्य है. बिहार में 23 में 2.50 लाख टीबी मरीजों को खोजने का लक्ष्य था. इसमें 75 प्रतिशत यानी एक लाख 86 हजार 295 संक्रमित की पहचान की गई. इसके पहले 22 में 1 लाख 59 हजार टीबी पीड़ितों का इलाज शुरू किया गया. इसमें 86 प्रतिशत यानी 1 लाख 36 हजार ठीक हो गए. बिहार में 6 हजार टीबी मरीजों की मौत हुई थी. ऐसे में तक बिहार को टीबी मुक्त करना बड़ी चुनौती है.

विशेषज्ञों के अनुसार टीबी मरीजों की पहचान होने में देर के कारण प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से उनके परिवार और निकट के लोगों को भी टीबी संक्रमण हो जाता है. स्वास्थ्य विभाग ने तक बिहार को टीबी मुक्त करने मई 23 में पंचायत को टीबी मुक्त करने का अभियान शुरू किया है. विश्व को टीबी मुक्त करने के लिए थीम है- हां हम टीबी खत्म कर सकते हैं.

राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ. बाल कृष्ण मिश्र के अनुसार टीबी का मुख्य कारण गरीबी और कुपोषण है. अभी बिहार में प्रति एक लाख पर टीबी खोज के लिए 507 लोगों की जांच होती है. लक्ष्य 1500 का है. टीबी मरीजों के लिए पोषण निश्चय योजना के तहत 3510 लोगों को हर माह उनके खाते में 500 रुपये दिए जा रहे हैं. निश्चय मित्र (टीबी मरीजों को फूड पैकेट उपलब्ध कराने वाले) 2394 लोग हैं, जो 439 टीबी पीड़ितों को पौष्टिक फूड पैकेट उपलब्ध करा रहे हैं.निजी अस्पतालों और क्लिनिक में 1 लाख 2 हजार 781 और सरकारी अस्पतालों में 83 हजार 514 की पहचान हुई है. टीबी से बचाव के लिए तीन माह तक नियमित दवा खाना होता है. 85 प्रतिशत प्रभावित व्यक्ति 4 से 6 माह की दवा नियमित खाने से टीबी मुक्त हो जाते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सर्वेक्षण के साथ-साथ टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान भी शुरू किया है.

एचआईवी मरीजों को खतरा:

● एचआईवी मरीजों में टीबीग्रस्त होने की संभावना 18 गुना ज्यादा

● शराब पीने वालों में 3.3 गुना, कुपोषित में 3.2, धूम्रपान करने वाले में 1.6 गुना च मधुमेह रोगियों में खतरा 1.5 गुना अधिक

देश में टीबी की स्थिति

पुरुष 56 प्रतिशत

वयस्क मिहला 32.5 प्रतिशत

बच्चे 11 प्रतिशत

(आंकड़े 21 के)

आठ जिलों में विशेष अभियान

टीबी रोगियों के बेहतर इलाज और इससे बचाव के लिए आठ जिलों पटना, गया, नालंदा, कटिहार, भोजपुर, भागलपुर, सहरसा और मुंगेर में विशेष अभियान शुरू.

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