बिहार

बक्सर में एक बार फिर MDM में मिली मरी हुई मकड़ी, अधिकारियों में मची अफरा-तफरी

Rani Sahu
15 Oct 2022 4:38 PM GMT
बक्सर में एक बार फिर MDM में मिली मरी हुई मकड़ी, अधिकारियों में मची अफरा-तफरी
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बक्सर में एक बार फिर MDM में मरी हुई मकड़ी मिलने से अधिकारियों में अफरा तफरी मच गई है। इस बार DPO इस स्कूल के कार्यक्रम के दौरान खुद मौके पर मौजूद थे
बक्सर में एक बार फिर MDM में मरी हुई मकड़ी मिलने से अधिकारियों में अफरा तफरी मच गई है। इस बार DPO इस स्कूल के कार्यक्रम के दौरान खुद मौके पर मौजूद थे।तभी शिक्षकों द्वारा कलछुल में खिचड़ी के साथ मरी हुई मकड़ी दिखया गया। भोजन कुछ बचे खा भी लिए थे।
हालांकि गनिमत है कि किसी की तबियत खराब नही हुई।इसके पहले 7अक्टूबर को दूसरे विद्यालय में मेढक और सड़ा हुआ चोखा मिला था।जिसके बाद खाना पहुचाने वाले NGO पर अधिकारियों द्वारा जांच करने की बात कही गई।वही इस मामले में विधायक द्वारा अधिकारियों के जांच पर संदेह खड़ा किया गया है। घटना के बाद प्रभारी शिक्षक द्वारा इसकी लिखित शिकायत किया गया।
घटना शनिवार की दोपहर सदर प्रखण्ड स्थित नया बाजार मध्य विद्यालय की है।प्रभारी शिक्षक मुरारी कुमार द्वारा बताया गया कि रसोइया द्वारा कलछुल में खिचड़ी के साथ मरी हुई मकड़ी दिखाया गया। बताया कि NGO का भोजन आज के मेनू के हिसाब से खिचड़ी पहुंचा हुआ था।
आधा से अधिक छात्रो के थाली में भोजन परोसा जा चुका था।छात्र भोजन कर भी रहे थे।तभी कलछुल से भोजन निकाल रही रसोइया ने भोजन में कलछुल डाल खिचड़ी के साथ निकाला तो उसमें मरी हुई मकड़ी दिखाई दी।जिसके बाद भोजन कर रहे बच्चो को भोजन करने से मना कर दिया गया।जिसकी सूचना DPO समेत प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकरी को दी गई।
यह मामला चर्चा में है। लोगो का कहना है कि कहीं अधिकारी NGO पर करवाई में शिथिलता बरत कही छपरा जैसी घटना के इंतजार में तो नहीं है।जहां2013 में विद्यालय में बने भोजन को करने के बाद 22छात्रो की मौत हो गई थी।बक्सर में यह पहला मामला नही है।7अक्टूबर को समाहरणालय के पास स्थित विद्यालय में भी NGO के द्वारा भेजे गए भोजन में मरा हुआ मेढक मिला हुआ था।
DPO द्वारा बताया गया कि विद्यालय जब मैं एक कार्यक्रम में पहुँचा हुआ था तो इसकी जनकारी हमे प्रभारी शिक्षक द्वारा दिया गया था।जिसपर BEOको हमने निर्देश दिया है कि इसकी जांच कर हमें सूचना दे।वही सदर विधयाक द्वारा बताया गया कि मामला बहुत गम्भीर है।जिस NGOको ब्लैक लिस्टेड है उसको फिर से टेंडर देने का क्या मतलब है।
सोर्स-bihardelegation21
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