बिहार

देवघर में सावन की तीसरी सोमवारी पर गरीबनाथ धाम में उमड़ेगी शिवभक्तों की आपार भीड़, डाक कांवरियों के लिए यह खास इंतजाम

Renuka Sahu
29 July 2022 4:03 AM GMT
On the third Monday of Sawan in Deoghar, there will be a huge crowd of Shiv devotees in Garibnath Dham, this special arrangement for the postal kanwariyas
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फाइल फोटो 

सावन की तीसरी सोमवारी पर बिहार का देवघर कहे जाने वाले बाबा गरीबनाथ धाम में शिवभक्तों की आपार भीड़ उमड़ेगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन की तीसरी सोमवारी पर बिहार का देवघर कहे जाने वाले बाबा गरीबनाथ धाम में शिवभक्तों की आपार भीड़ उमड़ेगी। एक अनुमान के अनुसार लगभग ढाई लाख भक्त बाबा का जलाभिषेक करेंगे। इस बीच हजारों की तादाद में डाक बम पहुंचेगे जिन्हें संभालना मुश्किल होगा। बगैर रुके इनका जलाभिषेक कराना प्रशासन के लिए चुनौती होगी। इसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से डाक कांवरियों को हैंड बैंड देने की तैयारी है। दूसरी सोमवारी पर 11 हजार हैंड बैंड कम पर गए थे, जिसके कारण इस बार दोगुना से अधिक देने की तैयारी की गई है।

30 हजार हैंड बैंड
श्रावणी मेले के नोडल पदाधिकारी शारंग मनी पांडेय ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से हैंड बैंड देने की इसलिए तैयारी की गई है, ताकि डाक बम की सही पहचान हो सके और जिला प्रशासन उन्हें सुविधा मुहैया करा सके। तीसरी सोमवारी पर 30 हजार हैंड बैंड तैयार किए गए हैं।हैंड बैंड वैशाली जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया जाता है, जिसे पहलेजा घाट पर ही डाक कांवरियों को देदिया जाता है। हैंड बैंड लगाकर आने से कांवरियों को असुविधा नहीं होगी।
कांवरिया रूट पर साफ-सफाई तेज
तीसरी सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ मंदिर आने वाले कांवरियों की संख्या दो लाख के पार होने की संभावनाओं के बीच मंदिर से लेकर कांवरिया रूट तक व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद चल रही है। इसकी मॉनिटरिंग नगर निगम मुख्यालय से स्तर से भी की जा रही है। शुक्रवार से सफाईकर्मियों की टीम कांवरिया रूट को स्वच्छ बनाने के मिशन पर फिर लग जाएगी। श्रावणी मेले को देखते हुए 100 अतिरिक्त सफाईकर्मियों को लगाया गया है।
सावन माह में नदी घाटों पर चौकीदारों के साथ ही गोताखोर की तैनाती रहेगी। अमूमन शनिवार सेकांवरिये नदी से जल भरना शुरू कर देते हैं और यह सिलसिला सोमवार की दोपहर तक जारी रहता है। इसको देखते हुए जिले के सभी अंचलाधिकारियों और थानेदारों को अलर्ट किया गया है। श्रद्धालुओं के नदी घाट से जल भरने और मंदिर में पूजा-अर्चना करने तक हर स्तर पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई घटना न घटे।
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