बिहार

करवा चौथ पर्व को लेकर बाजार में सुहागन महिलाओं की उमड़ी भीड़

Shantanu Roy
11 Oct 2022 5:57 PM GMT
करवा चौथ पर्व को लेकर बाजार में सुहागन महिलाओं की उमड़ी भीड़
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बड़ी खबर
सहरसा। करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर को इस बार सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखेंगी।जिस कारण बाजार मे पूजन सामग्री,मिट्टी के बर्तन,चालन,चूडी सहित अन्य सामानों की सुहागन महिलाए जमकर खरीददारी मे जुटी हैं। शहर के शंकर चौक पर श्रृंगार सहित अन्य सामग्री बेची जा रही है।धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन कुछ चीजें खरीदकर घर लाना बहुत शुभ माना जाता है।ऐसी मान्यता है की इससे करवा माता खुश होती हैं और वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाता है। सुहागिन महिलाएं कुछ दिनों पहले करवा चौथ की तैयारियां शुरू कर देती हैं। शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ वाले दिन नई चांदी की बिछिया खरीदकर पहनना बहुत शुभ होता है। इससे करवा माता बहुत प्रसन्न होती है। क्योंकि बिछिया सुहाग का प्रतीक है और इससे पति का सौभाग्य जुड़ा होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार रजनीगंधा का पौधा पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास लाने के लिए बहुत प्रभावी माना गया है। करवा चौथ के दिन इसे घर में लगाने से नीरस वैवाहिक जीवन फिर से प्यार की सुगंध फैलने लगती है।
इसे घर की उत्तर दिशा में लगाएं।वही दांपत्य जीवन से जुड़ी परेशानियों को खत्म करने के लिए मोरपंख बहुत उत्तम लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ वाले दिन इसे घर लाना बहुत शुभ माना जाता है। इसे बेडरूम में दीवार पर या किसी ऐसे स्थान पर लगाएं जहां पति-पत्नी की नजर पड़ सके।मोरपंख को प्यार का प्रतीक माना जाता है।साथ ही लाल रंग सुहाग का प्रतिनिधित्व करता है।ऐसे में करवा चौथ व्रत पर लाल चूड़ियां खरीदना सौभाग्य में वृद्धि करता है। चूड़ियां गोल होने के कारण बुध और चंद्रमा का प्रतीक हैं। कांच की चूड़ियों को पवित्र और शुभ माना जाता है।कहा जाता है कि कांच की चूड़ियां पहनने और उससे आने वाली आवाज से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। सुहागिन महिलाओं को करवा चौथ के व्रत वाले दिन सफेद रंग के कपड़े या इस रंग से जुड़ी कोई भी श्रृंगार की चीजें न खरीदें।सफेद रंग वस्त्र या चूड़ी भी पूजा में शामिल न करें।व्रती को इस दिन धार वाली चीजें जैसे चाकू, कैंची, सुई भी नहीं खरीदना चाहिए।ऐसा करना अशुभ माना जाता है।करवा चौथ के दिन महिलाए व्रत रखकर अपनी पति की लंबी हेतु चांद की पूजा करती है।
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