शिक्षा विभाग के निर्देश पर जेपी व मगध विवि के वीसी पर केस को आवेदन
पटना: शिक्षा विभाग और राजभवन का विवाद चरम पर पहुंच गया है. शिक्षा विभाग के निर्देश पर सारण प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने जयप्रकाश विवि के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक पर एफआईआर करने के लिए मुफस्सिल थाने में आवेदन दिया है.वहीं मगध विवि के कुलपति प्रो. एसके शाही व रजिस्ट्रार डॉ .समीर कुमार शर्मा के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है. मगध प्रमंडल की आरडीडीई पूनम कुमारी ने बोधगया थाने में दोनों के खिलाफ शिकायत की है. छपरा में दिए गए आवेदन में कहा गया है कि बिहार राज्य विवि अधिनियम, 1976 की धारा तीन के तहत स्थापित और निगमित जयप्रकाश विवि के उक्त तीनों पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की जाए. आरडीडीई ने शिक्षा विभाग, नया सचिवालय, विकास भवन, बेली रोड, पटना की ओर से तीनों पदाधिकारियों के खिलाफ बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम, 1981 (1982 का बिहार अधिनियम संख्या 1) और भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत शिकायत दर्ज करवाई है. उधर, मुफस्सिल थाना पुलिस ने बताया कि मामला पटना से जुड़ा है इसलिए एसपी से मार्गदर्शन मांगा गया है.
विवि के मामलों में कुलाधिपति में ही शक्तियां निहित: विवि का संचालन विवि अधिनियम, परिनियम, नियम से निर्देशित होता है, जिसमें सभी अधिकारियों के अधिकार, दायित्व परिभाषित हैं. विवि के प्रशासनिक व एकेडमिक मामलों में कुलाधिपति में ही सारी शक्तियां निहित हैं. जब राज्यपाल सचिवालय ने बैठक में विवि पदाधिकारियों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी तब शिक्षा विभाग कैसे अपेक्षा कर रहा कि कुलपति कुलसचिव बैठक में शामिल होंगे? क्या शिक्षा विभाग के अधिकारी राज्यपाल-सह-कुलाधिपति से भी ऊपर हैं?जयप्रकाश विवि के कुलसचिव ने बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर किये गए स्पष्टीकरण का शिक्षा विभाग के सचिव को कड़ा जवाब भेजा है. कहा है कि बात-बात में धमकी देना ठीक नहीं है.कुलपति के आदेश पर भेजे गए जवाब में कुलसचिव ने लिखा है कि विवि प्रशासन ने पत्रांक-539 (आर) दिनांक-21 फरवरी द्वारा विभाग को ससमय सूचित कर दिया था कि विवि में परीक्षा संबंधी सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा काम बंद कर देने के बाद विषम परिस्थिति में 28 फरवरी को पार्ट वन सत्र-2022-25 की परीक्षा प्रारंभ हो रही है. परीक्षा के सुचारू संचालन व व्यवस्था संबंधी देखदेख के लिए विवि परिक्षेत्र में कुलपति, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक की उपस्थिति अनिवार्य है. इसलिए 28 फरवरी को विभागीय समीक्षा बैठक में भाग लेना संभव नहीं है. इसके बावजूद विवि के नामित पदाधिकारियों का अकारण वेतन रोकने और प्राथमिकी दर्ज कराने की धमकी देना प्रमाणित करता है कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों में विवेक, संयम व धैर्य का अभाव है.