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बिहार : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने और भाजपा से बढ़ती नजदीकियों के बीच सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अपनी राजनीतिक रंग और चटख करने में जुट गए हैं। उप्र के साथ-साथ अब उनकी निगाहें बिहार पर भी हैं। रविवार को राजभर ने जिले के चौसा गांव के चुन्नी पवनी हाई स्कूल में एक जनसभा को संबोधित किया।
बताते चलें कि हाल ही में पटना में अपनी पार्टी का कार्यालय खोलने वाले राजभर 26 सितंबर से लखनऊ से चार यात्राएं निकालने जा रहे हैं। यूपी के सभी 75 जिलों में जाने वाली एक महीने की इस यात्रा का समापन पटना के गांधी मैदान में किया जाएगा। सावधान रैली के जरिये एक तरफ जहां बिहार में अपनी पार्टी का विस्तार करने की तैयारी में हैं, वहीं राजभर बिहार के पिछड़ों का बड़े वोट बैंक को भी साधेंगे। विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन की सरकार नहीं बनने के बाद से सुभासपा अध्यक्ष पूरे प्रदेश में संगठन को विस्तार देने में जुटे हैं।
सपा से अलग होने के बाद उनका पूरा ध्यान आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का संगठनात्मक ढांचा को मजबूत करने पर है, ताकि चुनाव में अपने आधार वोटबैंक का इस्तेमाल कर प्रभाव दिखा सकें। इसके लिए उन्होंने चार यात्राएं निकालने की योजना तैयार की है। इसके तहत वह पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत को साधने का काम करेंगे। चार राष्ट्रीय स्तर के पार्टी पदाधिकारी इन यात्राओं का नेतृत्व करेंगे।
नुक्कड़ सभाओं और बड़ी रैलियों के माध्यम से वे जनता के बीच सुभासपा के मुद्दों को प्रमुखता से पहुंचाएंगे। पटना में सावधान रैली के माध्यम से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार को न सिर्फ जातिगत जनगणना के मुद्दे पर घेरेंगे, बल्कि वहां के पिछड़े तबके को अपने साथ करने की कोशिश भी होगी। राजभर का ऐसे मौके पर बिहार में पार्टी को विस्तार देने का प्रयास महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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