गया न्यूज़: बालासोर पुलिस ने ओडिशा एसएससी की परीक्षा के पेपर लीक मामले में पटना से मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. उसके अलावा सात अन्य लोगों को पश्चिम बंगाल सहित अन्य इलाकों में छापेमारी कर पकड़ा गया. पटना से पकड़ा गया मास्टरमाइंड ग्रामीण कार्य विभाग का अकाउंटेंट विशाल चौधरी है. विशाल ही पेपर लीक कराने वाले गिरोह का सरगना था.
ओडिशा पुलिस पिछले एक हफ्ते से पटना में कैंप कर रही थी. स्पेशल सेल और कोतवाली थाने की पुलिस की मदद से विशाल को पकड़ा गया. इस ऑपरेशन को बेहद गोपनीय रखा गया था. अब तक की छानबीन में यह बात सामने आयी है कि विशाल वर्ष 2012 में भी सीजीएल प्रश्नपत्र लीक मामले में शामिल था. कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चा लीक में विशाल का हाथ था. विशाल के कनेक्शन वीरेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति से है जो कोलकाता में एक प्रिटिंग प्रेस में काम करता है. उसी ने प्रश्नपत्र की जानकारी विशाल को दी थी. इस मामले में अब तक बालासोर पुलिस ने कुल 17 आरोपितों को पकड़ा है. इनमें छह बिहार, एक पश्चिम बंगाल, एक आंध्र प्रदेश, और नौ ओडिशा के हैं.
अन्य साथी भी पकड़े गये, हो रही पूछताछ ओडिशा पुलिस विशाल से पूछताछ कर रही है. उसने अपने अन्य साथियों के नाम का खुलासा किया. उसके एक साथी विकास को भी पुलिस ने पटना और वैशाली के बॉर्डर से पकड़ा. इसके बाद अलग-अलग जगहों से कुल छह आरोपित पकड़े गये.
दीघा में बांटा गया था पेपर
पश्चिम बंगाल स्थित प्रिटिंग प्रेस कर्मी वीरेंद्र सिंह पासवान के संपर्क में आने के बाद जैसे ही विशाल के हाथ प्रश्नपत्र लगा, उसने सभी अभ्यर्थियों को पश्चिम बंगाल के दीघा स्थित एक होटल में बुला लिया. वहीं पर विशाल ने अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें प्रश्नपत्र दिये. इस पूरे प्रकरण में वैशाली के रहने वाले एक व्यक्ति का नाम भी सामने आ रहा है. वीरेंद्र ने विशाल के अलावा बिहार के ही एक अन्य व्यक्ति को भी प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाया था. वीरेंद्र मूल रूप से बिहार का ही रहने वाला है.
दो महीने से संपर्क में थे विशाल और वीरेंद्र
बालासोर एसपी के मुताबिक दो महीने से विशाल और वीरेंद्र एक-दूसरे के संपर्क में थे. दोनों लगातार फोन पर बातचीत कर रहे थे. विशाल को हाल ही में एक प्रश्न पत्र लीक मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच भी तलाश रही थी.
पूर्व में सरकारी नौकरी छोड़ चुका है विशाल
विशाल ने कई परीक्षाओं में धांधली की है. वह पूर्व में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में टैक्स असिस्टेंट के रूप में कार्यरत था. बाद में उसने नौकरी छोड़ दी थी. बीपीएससी की परीक्षा में हुई धांधली में उसका हाथ रहा है या नहीं, इस पहलू पर पूछताछ की जा रही है.