दरभंगा: छात्रावास भवन के जर्जर रहने के बावजूद उसे शिफ्ट करने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने से डीएमसीएच जीएनएम नर्सिंग स्कूल की छात्राओं का आक्रोश फूट पड़ा.
छात्राओं ने कक्षा और वार्ड ड्यूटी का बहिष्कार करते हुए अविलंब वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग को लेकर सुबह करीब 10.30 बजे इमरजेंसी परिसर के गेट को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया. हाथों में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारे लिखे प्लेकार्ड लेकर पहुंची दर्जनों छात्राओं ने सेंट्रल ओपीडी में रजिस्ट्रेशन काउंटर को करीब आधे घंटे तक ठप कर दिया. इस दौरान वे स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रही थीं. छात्राओं के आंदोलन के चलते इमरजेंसी और ओपीडी परिसर में करीब ढेड़ घंटे तक अफरा तफरी मची रही.
स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त करने के बाद छात्राएं अपने हॉस्टल में लौट गईं. हालांकि लौटने से पूर्व उन्होंने ने चेतावनी दी कि अगर रहने और कक्षा के लिए उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती है तो मजबूर होकर उन्हें फिर आंदोलन की राह अख्तियार करना पड़ेगा. छात्रावास भवन की जर्जर हालत को लेकर छात्राओं में लंबे समय से आंदोलन की चिंगारी सुलग रही थी. वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग वे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर अधीक्षक के सामने रख चुकी थीं.
इधर, गत 13 अगस्त को छात्रावास की छत से प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा गिरने से सफाई कर्मी के जख्मी होने की घटना ने छात्राओं के बीच असुरक्षा की भावना पैदा कर दी.
इसके बाद भी छात्रावास को स्थानांतरित करने की पहल नहीं होने पर उन्होंने हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी. वहीं, छत से प्लास्टर का टुकड़ा गिरने से सफाई कर्मी के जख्मी होने के मामले का संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय उप निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. योगेंद्र महतो ने 16 अगस्त को नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य को पत्र लिखकर भवन को खाली करने का निर्देश दिया था. उन्होंने छात्राओं की कक्षा की व्यवस्था ऑनलाइन करने का भी निर्देश दिया था.
इस संबंध में डीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि छात्राओं के आंदोलन से मरीजों को परेशानी हुई. हालांकि कोई भी मरीज इलाज बिना नहीं लौटा. नर्सिंग छात्रावास की जर्जर स्थिति और क्षेत्रीय उप निदेशक के पत्र के सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा दिया गया है. वहां से दिशा-निर्देश प्राप्त होने पर उसके अनुसार कारवाई की जाएगी.