बिहार

अब बिहार में भी होंगे सेब के बागान, गोपालगंज में लहलहाएगा बागीचा

Kunti Dhruw
19 Dec 2021 5:03 PM GMT
अब बिहार में भी होंगे सेब के बागान, गोपालगंज में लहलहाएगा बागीचा
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बिहार के लोगों को सेब के लिए कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

गोपालगंज: बिहार के लोगों को सेब के लिए कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गोपालगंज में कृषि विभाग की योजना सफल रही तो वहां की खेतों में भी अब सेब से लदे बागान आपको देखने को मिलेंगे।

गोपालगंज में सेब की खेती की तैयारी
गोपालगंज के सभी प्रखंडों में चार-चार प्रगतिशील किसानों को सेब की खेती के लिए चुना गया है। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के तहत विभाग की नवाचार गतिविधि (Innovation Activity) में इसे शामिल किया गया है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसके तहत जिले के सभी 14 प्रखंडों से चार-चार किसानों का चयन किया गया है। इन किसानों के लिए विभाग से शत प्रतिशत अनुदान पर सेब के पौधे उपलब्ध कराये गये हैं। प्रत्येक किसान विभाग से 25-25 पौधे लेकर विभागीय टीम की देख रेख में लगभग 4.25 कट्ठा जमीन में सेब की खेती कर रहे हैं।
सेब की अच्छी फसल की उम्मीद
गोपालगंज के नोडल कृषि समन्वयक बजरंग कुमार सिंह बताते हैं कि सभी प्रखंडों में सेब के पौधे लगा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसानों को बजाब्ता प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में उन्नत किस्म की हरमन-99 प्रजाति से तैयार सेब के पौधों को फिलहाल लगाया गया है। उनका मानना है कि सभी किसान सेब के उपलब्ध कराए गए पौधे की देखभाल अच्छी तरीके से करें तो फरवरी और मार्च महीने तक इन पौधों में पत्ते आने शुरू हो जाएंगे। इतना ही नहीं, 2 वर्षो के अंदर इसमें फूल भी देने शुरू हो जाएंगे। किसान 3 से 5 वर्षों के अंदर सेब की अच्छी फसल प्राप्त कर पैदावार के साथ-साथ अपनी आमदनी भी बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसका ट्रायल किया जा रहा है।
गोपालगंज की मिट्टी सेब के लिए उपयुक्त
नोडल कृषि समन्वयक बजरंग कुमार सिंह कहते हैं कि ट्रायल के बाद अगर स्थिति अनुकूल रही, तो विभाग विस्तृत पैमाने पर सेब की खेती शुरू करायेगा। अन्य किसानों को इसकी खेती के लिए प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि सेब की खेती को व्यापक रूप देने के लिए विभाग पूरी तैयारी में है। अधिकारी मानते हैं कि गोपालगंज जिले की मिट्टी सेब की खेती के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। किसान बस परंपरागत खेती से कुछ अलग हटकर सेब की खेती के लिए आगे बढ़ें, इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
ATMA के तहत 56 किसानों का चयन
गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी बताते हैं कि बिहार में पहली बार गोपालगंज में सेब की खेती का प्रयोग किया जा रहा है। इसकी सफलता किसानों के लिए बड़ा परिवर्तन होगा। उन्होंने कहा कि चयनित किसानों को ट्रायल के रूप में सेब के खेती कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में फिलहाल कुल 56 किसानों को चिन्हित कर पहले आत्मा (Agricultural Technology Management Agency) की ओर से प्रशिक्षण दिया गया और फिर कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में सेब के पौधा का प्लांटेंशन कराया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में सेब की खेती शुरू कराने से किसान भी खुश दिख रहे हैं। इधर, अहमदाबाद के नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के प्रशिक्षक डा. पार्थ कुमार दवे ने बताया कि गोपालगंज जिले की मिट्टी सेब की खेती के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। यहां कृषक मेहनती भी हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. दवे की देखरेख में भी यहां सेब की खेती की जा रही है।
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