बिहार

अब महापुरूषों की जयंती के जरिए वोटबैंक साधने में जुटे दल

Admin Delhi 1
21 April 2023 7:56 AM GMT
अब महापुरूषों की जयंती के जरिए वोटबैंक साधने में जुटे दल
x

पटना न्यूज: बिहार में सभी दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपने वोटबैंक को मजबूत करने और दूसरी पार्टियों के वोट बैंक में सेंध लगाने को लेकर अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी के तहत लगभग सभी दल महापुरूषों की जयंती और पुण्यतिथि केा समारोह के रूप में मना कर संबंधित जातियों और समाज वर्ग के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हैं। जनता दल (युनाइटेड) इस कड़ी में दो कदम आगे दिख रहा है। वैसे भाजपा भी इन दिनों में महापुरूषों की जयंती मनाने में पीछे नहीं दिख रही है। वैसे, बिहार में महापुरूषों की जयंती और पुण्यतिथि मनाने को लेकर सियासत होती रही है। पिछले साल आरा में भाजपा ने बाबू कुंवर सिंह की जयंती बडे धूमधाम से मनाई थी, इस कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी शिरकत की थी। 23 अप्रैल में एक बार फिर भाजपा पटना में भव्य तरीके से बाबू कुंवर सिंह की जयंती मनाने को लेकर तैयारी कर रही है।

इधर, जदयू की बात करें तो नीतीश कुमार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 29 अप्रैल को भामाशाह की जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे पहले रामलखन सिंह यादव की जयंती और सम्राट अशोक जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई गई। भामाशाह की जयंती मनाने की तैयारी में जुटे जदयू के ललन सर्राफ कहते हैं कि जदयू के महापुरूषों की जयंती मनाने का उदेश्य है कि आने वाली पीढ़ी भी उन महापुरूषों के विषय में जान सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच महापुरूषों के विचारों को घर घर तक पहुंचाने की है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। इधर, भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि जदयू महापुरूषों के नाम पर भी सियासत करते रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भमाशाह जैसे कई ऐसे महापुरूष हैं, जिन्हें जितनी पहचान मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जदयू ऐसे महापुरूषों की जयंती सम्मान देने के लिए नहीं वोटबैंक के लिए करती है।

Next Story