मधुबनी न्यूज़: शहर में अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए अब निजी सेंटर में भी एक महीने से अधिक का समय मिल रहा है. लगातार मरीजों के दबाव की वजह से निजी सेंटरों पर भी वरीयता के आधार पर मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए समय दिया जा रहा है. यह आलम करीब दो महीने से अधिक समय से बना हुआ है. मरीज व परिजनों को भटकना पड़ रहा है.
बीतें कुछ माह पूर्व शहर के आठ अल्ट्रासाउंड सेंटर को विभागीय और प्रशासनिक छापेमारी के बाद बंद रखने का निर्देश दिया गया. इन सेंटरों के बंद हो जाने के बाद सीधा अल्ट्रासाउंड के लिए सदर अस्पताल पर दवाब बढ़ा. खासकर गायनिक विभाग में प्रतिदिन करीब 60 से 70 गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड लिखा जा रहा है. इसमें अधिकतर मरीज पहले अपनी सुविधा को देखते हुए निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच करवा लेते थे. इसके अलावा इमरजेंसी, प्रसव कक्ष, सहित अन्य गंभीर सेवाओं की स्थिति में अस्पताल में अल्ट्रासाउंड लिखा जा रहा है. मगर विभागीय सख्ती के बाद शहर में चल रहे आठ अल्ट्रासाउंड सेंटरों को बंद रखने संबंधी आदेश दिया गया. हालांकि विभागीय सूत्रों की माने तो तमाम संचालकों से शोकॉज भी किया गया. इनमें से किसी को फिर से सेंटर खोलने की अनुमति अभीतक नहीं मिली है.सदर अस्पताल में ओपीडी के समय में अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित किया जा रहा है. ऐसे में प्रतिदिन करीब 30 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड हो पा रहा है. फिलहाल इसकी जांच अधिक से अधिक करने पर विचार विर्मश किया जा रहा है. शीघ्र ही इसके लिए व्यवस्था की जाएगी.
-डॉ. नरेश कुमार भीमसरिया, सिविल सर्जन, मधुबनी.