बिहार
अब घर बनाना होगा मुश्किल! बिहार में आने वाले दिनों में बढ़ेंगे बालू के दाम, सितंबर तक खनन नहीं
Renuka Sahu
16 Jun 2022 3:55 AM GMT
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फाइल फोटो
बिहार में आने वाले दिनों में बालू की किल्लत और बढ़ने वाली है। अगर आप निर्माण कार्य में हाथ लगाने वाले हैं तो पहले सोच विचार कर लें।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में आने वाले दिनों में बालू की किल्लत और बढ़ने वाली है। अगर आप निर्माण कार्य में हाथ लगाने वाले हैं तो पहले सोच विचार कर लें। क्योंकि घर बनाना और महंगा हो सकता है। अगले चार महीने तक यहां बालू का खनन होने की संभावना नहीं दिख रही है। इसका कारण यह है कि फिलहाल राज्य में एक जून से खनन कार्य बंद है।
खनन एवं भूतत्व विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक राज्य के घाटों पर बालू की उपलब्धता का सर्वे तो करा लिया है, मगर अभी उसके आधार पर बालू घाटों की बंदोबस्ती कर खनन कार्य शुरू कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका है। इसके लिए कैबिनेट से भी मंजूरी लेनी होगी। सूत्रों की मानें तो अभी विभाग में कर्मियों और अधिकारियों के कार्यबल की जो स्थिति है, उसके अनुसार नहीं लगता कि अगले 15 दिनों में यह संभव हो सकेगा।
इस तरह जून खत्म होने के साथ ही नदियों के बालू घाटों पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) का आदेश लागू हो जाएगा। इसके नियमों के तहत तीन महीने यानी एक जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू का खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। जानकारी के मुताबिक इसके बाद भी एक अक्टूबर से नदियों से बालू निकालने की इजाजत सरकार दे देगी, इसकी उम्मीद नहीं दिख रही है। लिहाजा मध्य अक्टूबर से पहले बाजार में वैध तरीकों से नदियों का बालू नहीं आ सकेगा।
दूसरी ओर, विभाग का दावा है कि उसके पास सभी जिलों में बालू का पर्याप्त स्टॉक है। लगभग 16 करोड़ सीएफटी (घनफीट) बालू भंडार में है। विभाग का यह मानना है कि राज्य में बालू की औसतन खपत 4 से 5 करोड़ घनफीट प्रति माह है। इस लिहाज से बालू की कमी तो नहीं होनी चाहिए। मगर अभी राज्य में बालू वाले सभी 29 जिलों के घाटों पर खनन बंद है। इसका फायदा अवैध रूप से बालू का भंडारण करने वाले और खनन माफिया उठा रहे हैं। लोग जरूरत में मनमाने दाम पर बिचौलियों से बालू खरीदने के लिए मजबूर हैं।
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