बिहार
बिहार के अब 12 रेल प्रोजेक्ट पकड़ेंगे रफ्तार, 10 ऐसी परियोजनाएं केवल फाइलों में जिंदा रहेंगी, यात्रियों की सुविधा पर खर्च होंगे 162 करोड़
Renuka Sahu
3 Feb 2022 2:19 AM GMT
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फाइल फोटो
बिहार की दर्जन भर रेल परियोजनाएं इस बार रफ्तार पकड़ेंगी। फ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार की दर्जन भर रेल परियोजनाएं इस बार रफ्तार पकड़ेंगी। फतुहा-इस्लामपुर-शेखुपरा, हाजीपुर-सुगौली, कोडरमा-तिलैया सहित अन्य परियोजनाओं के लिए पर्याप्त राशि मिली है। वहीं बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन सहित 10 ऐसी रेल परियोजनाएं हैं जो महज फाइलों में ही जीवित रहेंगी। इन परियोजनाओं को नाममात्र की राशि दी गई है। जबकि आधा दर्जन ऐसी परियोजनाएं हैं जिसमें राशि तो मिली पर वह पर्याप्त नहीं कही जा सकती।
मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट में ही शामिल रेल बजट में पूर्व मध्य रेल को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 6549 करोड़ आवंटित किया गया है। पिछली बार पूमरे को मात्र 4843 करोड़ 94 लाख ही आवंटित हुआ था जिससे यह राशि 1705 करोड़ अधिक है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में पूर्व मध्य रेल को आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 35 फीसदी अतिरिक्त राशि मिली है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार बिहार के अधिकतर इलाकों में रेलवे परिचालन संभाल रहा पूमरे को नई लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण सहित अन्य मदों में पर्याप्त राशि दी गई है।
फतुहा-इस्लामपुर-शेखपुरा को 525 करोड़
दर्जन भर परियोजनाओं में कोडरमा-तिलैया रेलखंड के लिए 275 करोड़ आवंटित किए गये हैं। हाजीपुर-सुगौली वाया वैशाली रेलखंड को 100 करोड़ दिए गये हैं। फतुहा-इस्लामपुर, नेऊरा-दनियावां-बिहारशरीफ-बरबीघा-शेखपुरा लाइन के लिए 525 करोड़ आवंटित किए गये हैं। इस परियोजना के पूरा होने में अब राशि की कमी नहीं होगी।
आधा दर्जन परियोजनाओं को नाम की राशि
पूमरे को मिली अधिक राशि के बावजूद आधा दर्जन रेल परियोजनाओं को नाममात्र की राशि मिली है। खगड़िया-कुशेश्वरस्थान के लिए मात्र 60 करोड़ मिले हैं। बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन के लिए इस बार 50 करोड़ आवंटित किए गये हैं। हालांकि इस परियोजना में 326 करोड़ खर्च होना है।
कुछ परियोजना महज फाइलों में ही जीवित
पीरपैंती-नवगछिया की कुल लागत 800 करोड़ है। इसमें से मात्र एक करोड़ आवंटित किया गया है। इसी तरह सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली, आरा-भभुआ रोड, डेहरी ऑन सोन बंजारी, गया-डाल्टेनगंज वाया रफीगंज, गया-बोधगया-नटेसर, नवादा-लक्ष्मीपुर, कुरसेला-बिहारीगंज, मुजफ्फरपुर-दरभंगा के लिए मात्र एक हजार रुपए आवंटित किये गये हैं। यानी ये परियोजनाएं महज फाइलों में ही जीवित हैं। बरौनी-बछवारा में पांच करोड़ दिए गये हैं जबकि इस परियोजना पर 645 करोड़ खर्च होना है। बिहार को नेपाल से जोड़ने वाली रेल लाइन जयनगर-बीजलपुरा-बारदीबास (नेपाल) को कोई राशि नहीं दी गई है।
सोननगर-दानकुनी पर निवेश होगा 2 हजार करोड़
नई लाइन में पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह, धनबाद-चंद्रपुरा-निचितपुर, झाझा-बटिया पर काम होगा। जबकि सोननगर-दानकुनी के बीच नई लाइन के निर्माण कार्य मद में पार्टनरशिप के तहत 2000 करोड़ का निवेश होगा। चल रहे आमान परिवर्तन में मानसी-सहरसा-दोराम-मधेपुरा-पूर्णिया को 25 करोड़, जयनगर-दरभंगा-नरकटियागंज को 40 करोड़, सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली-सहरसा-फारबिसगंज को 101 करोड़ आवंटित किए गये हैं। जबकि दोहरी लाइन में करैला रोड-शक्तिनगर को 150 करोड़, रामपुर डुमरा-ताल-राजेंद्रपुल को 400 करोड़, रामना-सिंगरौली को 250 करोड़, धनबाद-सोननगर तीसरी लाइन मद में 800 करोड़ आवंटित किया गया है। समस्तीपुर-दरभंगा को 50 करोड़, किउल-गया रेलखंड के लिए 59 करोड़ दिये गये हैं। दोहरीकरण में सुगौली-वाल्मीकिनगर परियोजना को 130 करोड़, मुजफ्फरपुर-सुगौली के लिए 200 करोड़, दरभंगा-शीशो हॉल्ट होते हुए दरभंगा यार्ड बाईपास तक के लिए 100 करोड़ आवंटित किये गये हैं।
एक नजर में
1328 करोड़ नई रेल लाइन के लिए
620 करोड़ रेल पथ नवीकरण मद में
563 करोड़ दोहरी लाइन बिछाने के लिए
164 करोड़ आमान परिवर्तन के लिए
162 करोड़ यात्रियों की सुविधा मद में
105 करोड़ कारखानों पर खर्च होंगे
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