रोहतास: सोन उच्चस्तरीय नहर के तेलारी माइनर में पानी नहीं होने से किसानों में हाहाकार मची हुई है. धान का फसल बर्बाद हो रहा है. किसानों का कहना है कि खेतों में दरार पड़ गए हैं. पानी के लिए किस रतजगा मेहनत कर रहे हैं. फिर भी उनके खेत में पानी नहीं पहुंच रहा है. किसानों का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है. माइनर का लेबल सही नहीं होने के कारण अस्तित्व मिटने के कगार पर है. बताया जाता है कि इस माइनर का कुल लंबाई 10. 33 किलोमीटर है. पांच किलोमीटर जर्जर अवस्था में है. इस नहर के जुड़े लगभग 50 गांव के किसानों के खेतों में पानी पहुंचता था.खेतों में फसल लहलहा थी. अब पटवान अभाव में भूमि भी बंजर हो रहा है. लांजी पुल से इस वितरण में पानी जाता है जो मलहर, कर्णपुरा, बीरनगर, शाहपुर, चाहबच्चा, देवराढ खुर्द, शाहपुर, रेडिया होते हुए भी मोकरम कुदरा के आधा दर्जन गांव में पटवन होता था. अब इस नहर से रेडिया के बनियाडीह मौजा, फुलवरिया, तेलारी, बनियाडीह, चेन्हरूआ, चडूई, मुंजिया आदि दर्जनों गांव में पानी नहीं पहुंच रहा है.
किसानों का कहना है कि नहर विभाग द्वारा राजस्व वसूला जाता है. पानी भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है. किसानों ने कहा कि महंगी खाद बीज करने के बाद भी फसल पानी के अभाव में सूख जा रहा है.
कई छोटे-छोटे ऐसे भी किसान हैं. जो इस माइनर के भरोसे खेती तो करते हैं. लेकिन उपज अच्छी नहीं होती है.
20 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा गया है
इस संबंध में उच्च स्तरीय नहर के माइनर के जेई महफूज आलम ने कहा कि शाहपुर तक पटवन हो जाता है. 20 क्यूसेक पानी नहर मे छोड़ा गया है. कई लोग ऊपर में मेड लगाकर पटवन कर लेते हैं. नीचे की किसानों को पानी उपलब्ध होने मे परेशानी हो रही है.
तत्काल ही माईनर मे पानी उपलब्ध कराया जाएगा.
शाहपुर के सनोज कुमार, राजेश चौरसिया, सूर्यवंश चौरसिया, फुलवरिया के कन्हैया सिंह, रेडिया गांव निवासी रवि सिंह, शाहपुर के किसान गोरेलाल सिंह आदि लोगों ने कहा कि इस नहर में बरसों से पानी नहीं मिल रहा है. जिससे धान व गेहूं के फसल निचले भाग में होने में परेशानी हो रही है. किसान अपने संसाधन से किसी तरह पटवन कर कर धान के फसल कर रहे हैं. वहीं विभाग किसानों से नहर का रेट ले रहा है. जबकि समरसेबल चलाने के लिए बिजली का बिल भी जमा किया जा रहा है.
पानी के लिए विभाग को कई बार किसानों ने गुहार भी लगाई. हस्ताक्षरयुक्त आवेदन भी विभाग को दिया गया. लेकिन विभाग द्वारा नहर की मरम्मती और निचले भाग में नहर मे पानी नहीं दिया जा रहा है. चेनारी-कुदरा स्टेट हाईवे के सटे यह नहर में कई जगह तटबंध कटे हुए हैं. कई जगह किसान अपने खेत के आगे मेड व बड़े-बड़े ह्यूमपाइप लगाकर पटवन कर रहे हैं. जिसके कारण नीचे पानी नहीं पहुंच रहा है. नहर में पानी की मात्रा भी काफी कम छोड़ी जाती है.