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बिहार। बिहार में जहरीली शराबकांड पर जहां पूरा विपक्ष मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग पर अड़ा है। तो वहीं इस मामले पर नीतीश सरकार के मध निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि बिहार में लागू शराबबंदी कानून में जहरीली शराब से मौत पर मुआवजा देने का प्रावधान ही नहीं है। यूपी, एमपी और हरियाणा समेत अन्य राज्यों में शराबबंदी नहीं है, लेकिन वहां भी जहरीली शराब से मौतें होती हैं। और जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा बिहार से कहीं ज्यादा है। मद्य निषेध मंत्री ने कहा कि जहरीली शराब से मौत का शराबबंदी से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि एमपी में 1200 से ज्यादा जबकि कर्नाटक में 700 से ज्यादा लोगों की मौत शराब पीने से हुई। मंत्री ने माना कि शराब समाज में अवैध कमाई का जरिया बन गया है। लेकिन, एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 80% लोग आज भी शराबबंदी के समर्थन में हैं। खासकर महिलाएं शराबबंदी चाहती हैं। उन्होंने बीजेपी के सभी आरोपों को अनर्गल बताया। मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि सरकार छपरा जहरीली शराबकांड में गंभीरता से जांच करवा रही है। सरकार जांच कराने में पूरी तरीके से सक्षम है। शराब पीने से मौत के आंकड़े के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल 38 का फिगर कंफर्म है। जांच में और तथ्य आते हैं तो उन्हें शामिल किया जाएगा।
मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता- नीतीश कुमार
आपको बता दें इससे पहले बिहार सदन में सीएम नीतीश कुमार ने दो टूक कहा था कि दारू पीकर कोई मर जाएगा तो क्या हम मुआवजा देंगे? बिल्कुल नहीं देंगे। इसका तो हम और ज्यादा प्रचार करेंगे। कहेंगे कि देखो, शराब पीया तो मरा। उन्होंने साफ-साफ कहा कि दारू पीकर कोई मर जाए तो क्या हम उसे कम्पन्सेशन देंगे? बिल्कुल नहीं देंगे। सवाल ही नहीं उठता। फिर उन्होंने विपक्ष से कहा कि अगर यही करना है कि सब मिलकर तय कर लीजिए। खूब कहिए कि शराब पीओ। इसलिए ये बस बात ठीक नहीं है। शराब पीएगा, गड़बड़ पीएगा तो मरेगा।
मुआवजे के लिए किसी भी हद तक जाएंगे- बीजेपी
वहीं जहरीली शराबकांड पर पूरा विपक्ष मुआवजे की मांग पर अड़ा है। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि वो मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। जब गोपालगंज के पीडितों को पैसा दिया गया तो सारण को क्यों नहीं। नीतीश सरकार हठ छोड़े और 4-4 लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान करे। जहरीली शराब पीकर मरने वाले ज्यादातर लोग गरीब ओर कमजोर तबके से आते हैं। इस लिए सरकार को उन्हें मुआवजा देना चाहिए। वहीं बिहार विधानसभा में बीजेपी ने जहरीली शराबकांड की न्यायिक जांच की मांग की है और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा और प्रदर्शन किया। इस मामले पर भाकपा माले और माकपा के विधायकों ने भी मुआवजे की मांग पर प्रदर्शन किया। वाम दलों के विधायकों ने छपरा जहरीली शराब कांड के हर पीड़ित परिवार को 10-10 लाख मुआवजा देने की मांग की।
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