बेगूसराय न्यूज़: गर्मी बढ़ने व तेज पछुआ हवा तेज चलने से अग्निकांडों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हर साल अगलगी में जिलेभर में एक करोड़ से अधिक सामान जलकर राख हो रहे हैं. जानमाल की क्षति उपर से अलग से. सरकार की ओर से भी अगलगी से बचाव के लिए कर्मियों के वेतन समेत प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च कर रही है. उसके बाद भी अगलगी की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही है. अग्निकांड से बचाव के लिए शहरी क्षेत्रों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. तंग गलियों, फायर के हिसाब से उंची इमारतों से लेकर बाजार व मार्केट कॉम्लेक्स का नहीं बनना.
आग से सुरक्षा के इंतजाम के लिहाज से डीएम, नगर निगम, डीईओ कार्यालय समेत विभिन्न सरकारी और निजी कार्यालय, नर्सिंग होम, कोचिंग संस्थान, बाजार, मार्केट कॉम्लेक्स, सदर अस्पताल की पड़ताल की गयी तो अधिकतर जगहों पर फायर ब्रिगेड के अनुसार संसाधन की कमी देखी गयी. डीईओ, आईसीडीएस व नगर निगम कार्यालय में तो आग से सुरक्षा की व्यवस्था के इंतजाम नहीं किये गये हैं. मसलन एक भी फायर एक्सटिंग्यूशर नहीं लगाये गये हैं. नगर आयुक्त मनोज कुमार ने तत्काल पांच अग्निशामक यंत्र खरीदने का आदेश दिया. जबकि डीईओ व आईसीडीएस विभाग में फरियादियों की अधिक भीड़ होती है. जबकि एसएसए कार्यालय में अग्गिनशमक यंत्र लगाये हुए पाये गये. डीएम कार्यालय में चार फायर एक्सटिंग्यूशर उपलब्ध हैं लेकिन दीवार पर महज एक ही टंगे थे. शेष तीन रिकॉर्ड रूम के अंदर रखे हुए पाये गये. जो टंगे थे उसकी जांच जनवरी में ही की गयी है. जनवरी 2024 तक मान्य है.
नर्सिंग होम से लेकर बाजार, मार्केट कॉम्लेक्स, सरकारी व निजी कार्यालयों में एनओसी लेने को कहा गया है. जिलेभर के 113 नर्सिंग होम को एनओसी दी गई है. 17 मॉल को भी एनओसी मिली है. कोचिंग संस्थान के मामले में मात्र चार संस्थानों ने ही अभीतक एनओसी ली है. जबकि आग से सुरक्षा के लिए एनओसी लेनी चाहिए. मनीष कुमार, जिला अग्निशमन अधिकारी