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बिहार | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंजीनियरिंग से ज्यादा सोशल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. वे समाज के लिए लड़ते हैं. जब भी किसी की हकमारी होती है तो वे बेचैन हो जाते हैं. उनमें नेतृत्व कौशल छात्र जीवन से ही रहा है. ये बातें ‘नीतीश कुमार अंतरंग दोस्तों की नजर से’ के लेखक बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ उदयकांत मिश्र ने श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र पटना में आयोजित राजकमल समूह के किताब उत्सव में कहीं. नीतीश कुमार के जीवन से जुड़े कई अनसुने किस्से भी सुनाए.
उदय कांत ने कहा कि कॉलेज के दिनों में भी संघर्ष के समय जब कोई आगे आने के लिए तैयार नहीं होता था तो नीतीश सबका नेतृत्व करते थे. उन्होंने कहा कि छात्र राजनीति के दौरान जब नीतीश जेल जाते तो बाकी कैदियों की परेशानियों को देखकर उनके लिए जेलर से लड़ जाते थे. नीतीश कुमार में नेतृत्व का गुण हमेशा से रहा है. उनके कपड़ों में सफाई, बातों में सच्चाई और विचारों में भविष्य की योजनाओं को साफ देखा और समझा जा सकता है.
छह दिवसीय किताब उत्सव का समापन
’समकालीन कला परिदृश्य में बिहार’ विषय पर परिचर्चा के सत्र में विनय कुमार और अनीश अंकुर ने विषय को लेकर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि बिहार की कला अपने समकालीन समय को हमेशा अभिव्यक्त करने की कोशिश करती रही है. कला अब हमारे देवी-देवताओं के चित्रों तक सीमित नहीं रह गई है, वह उससे बहुत आगे बढ़ चुकी है. किताब उत्सव के दौरान लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी से साहित्यप्रेमियों ने विशेष रूप से नई किताबों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई. इन दिनों आलोकधन्वा के नए कविता संग्रह ‘मुलाकातें’, प्रभात प्रणीत के उपन्यास ‘वैशालीनामा’, तैयब हुसैन की किताब ह्यभिखारी ठाकुर अनगढ़ हीरा’, विहाग वैभव के कविता संग्रह ’मोर्चे पर विदागीत’ आदि को बहुत पसन्द किया. छह दिवसीय किताब उत्सव का समापन हो गया .
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Harrison
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