बिहार

चेन्‍नई में तमिल भाषा में पढ़ा गया नीतीश कुमार का संदेश

Admin Delhi 1
21 Jun 2023 7:21 AM GMT
चेन्‍नई में तमिल भाषा में पढ़ा गया नीतीश कुमार का संदेश
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बिहार न्यूज: केंद्र में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का गठबंधन बनाने की कोशिश में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चेन्नई में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एम. करुणानिधि के शताब्दी समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे। नीतीश ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण वह समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगे। समारोह में शामिल होने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जनता दल (यू) के नेता और बिहार के मंत्री संजय झा पहुंच रहे हैं। तमिलनाडु सरकार करुणानिधि के जन्मदिन 3 जून से साल भर चलने वाले शताब्दी समारोह का आयोजन कर रही है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और करुणानिधि के बेटे एम. के. स्टालिन ने पहले मीडियाकर्मियों से कहा था कि नीतीश कुमार की मौजूदगी सराहनीय रहेगी। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने के लिए पटना में बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक से तीन दिन पहले नीतीश कुमार की यात्रा निर्धारित की गई थी। नीतीश कुमार की अनुपस्थिति से अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या स्टालिन पटना में विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेंगे या नहीं।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने पहले ही कह दिया है कि वे बैठक में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल 23 जून को नीतीश कुमार के पटना सम्मेलन में भाग लेंगे।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के पत्र में करुणानिधि कार्यों का जिक्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि करुणानिधि के आदर्श व उनके द्वारा समाज हित में किए गए काम राजनैतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। हम उनको कभी भूला नहीं पाएंगे। सीएम ने कहा कि उनसे अंतिम मुलाकात 2017 में उनके जन्मदिवस पर हुई थी। डीएमके से उनका पुराना लगाव है, जब वर्ष 1991 में डीएमके का एक भी सांसद लोकसभा में नहीं था और वह जनता दल से सांसद थे। जब भी लोकसभा में डीएमके के खिलाफ कोई बात उठती थी तो हम हमेशा डीएमके का समर्थन करते थे। सेल्फ रेस्पेक्ट आंदोलन से जुड़े नेता के रूप में करुणानिधि ने वर्ष 1989 में मुख्यमंत्री रहते हुए सबसे पहले महिलाओं के समान अधिकार के लिए कानून बनाया। सरकारी नौकरियाें में महिलाओं का 30 प्रतिशत आरक्षण दिया। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की।

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