भाजपा से गठबंधन तोड़ आज आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नीतीश कुमार
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भाजपा से गठबंधन तोड़कर नीतीश कुमार ने फिर महागठबंधन से नाता जोड़ लिया है। मंगलवार को एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर उन्होंने पांच वर्ष बाद फिर महागठबंधन के साथ नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त कर दिया। बुधवार को दोपहर दो बजे मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव शपथ लेंगे। शेष मंत्रियों के शपथ का दिन बाद में तय होगा। नीतीश ने कहा है कि सात दलों के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। सब मिलकर अब बिहार का विकास करेंगे।
पहली बार: तीन मार्च 2000 से 10. मार्च, 2000 तक
दूसरी बार: 24 नवंबर, 2005 से 24 नवंबर, 2010 तक
तीसरी बार: 26 नवंबर, 2010 से 17 मई, 2014 तक
चौथी बार: 22 फरवरी, 2015 से 19 नवंबर, 2015 तक
पांचवीं बार: 20 नवंबर, 2015 से 26 जुलाई, 2017 तक
छठी बार: 27 जुलाई, 2017 से 16 नवंबर, 2020
सातवीं बार: 16 नवंबर, 2020 से नौ अगस्त, 2022 तक
आठवीं बार: 10 अगस्त, 2022 से आगे
यूं भाजपा से दूर होते गए नीतीश
जदयू और भाजपा के बीच पिछले कुछ दिनों से तनातनी की स्थिति बनी हुई थी। दोनों के रिश्ते सहज नहीं दिख रहे थे। एक महीने में ही चार ऐसे मौके आए, जब नीतीश ने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाई।
17 जुलाई : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने जाना जरूरी नहीं समझा।
22 जुलाई : तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की विदाई के मौके पर आयोजित भोज में नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया था, मगर नहीं गए।
25 जुलाई : नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के शपथ ग्रहण समारोह से भी नीतीश कुमार ने दूरी बनाई। हालांकि जदयू ने पक्ष में वोट दिया था।
सात अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें बुलाया गया था, किंतु नहीं गए।
और राजद के यूं करीब आए नीतीश
22 अप्रैल : लालू परिवार की इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार ने शिरकत की। अपने आवास से राबड़ी देवी के आवास तक पैदल गए। तेजस्वी से अच्छे रिश्ते का संकेत दिया।
10 मई : जातीय जनगणना के मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने दिल्ली तक पैदल मार्च की घोषणा कर नीतीश सरकार पर दबाव बनाया। नीतीश ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया।
10 जून : अग्निपथ योजना को लेकर आंदोलन के दौरान बिहार भाजपा के दस नेताओं की सुरक्षा में केंद्रीय बल तैनात कर दिया गया। इससे भी भाजपा के प्रति अविश्वास बढ़ा।
31 जुलाई : भाजपा के सात मोर्चों की संयुक्त कार्यसमिति का पटना में आयोजन। अमित शाह का आना। जेपी नड्डा का यह कहना कि क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
बढ़ सकता है नीतीश का दायरा
दूसरी बार: 24 नवंबर, 2005 से 24 नवंबर, 2010 तक
तीसरी बार: 26 नवंबर, 2010 से 17 मई, 2014 तक
चौथी बार: 22 फरवरी, 2015 से 19 नवंबर, 2015 तक
पांचवीं बार: 20 नवंबर, 2015 से 26 जुलाई, 2017 तक
छठी बार: 27 जुलाई, 2017 से 16 नवंबर, 2020
सातवीं बार: 16 नवंबर, 2020 से नौ अगस्त, 2022 तक
आठवीं बार: 10 अगस्त, 2022 से आगे