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पटना (आईएएनएस)| बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की तृतीय स्नातक स्तर की प्राथमिक परीक्षा (पीटी) के प्रश्न पत्र आउट होने के बाद पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे अभ्यर्थियों पर बुधवार को पुलिस ने जमकर लाठियां चटकाईं, लेकिन इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं है।
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस मामले पर अनभिज्ञता जताने पर भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि यह बिहार के लिए दुर्भाग्य है।
लोगों की समस्या जानने के लिए और विकास कार्यों को देखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपनी समाधान यात्रा पर है। इस दौरान पत्रकारों ने शुक्रवार को उनसे जब पुलिस लाठीचार्ज के विषय में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की।
लाठीचार्ज की तस्वीर सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश के बाकी हिस्सों में भी लोगों ने देखा। इसे लेकर सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बीच बयानबाजी भी हुई।
नीतीश कुमार से जब मीडिया ने उनके यात्रा के दौरान सीबीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर के सवाल किया तो उन्होंने चौंकते हुए कहा कि कहां लाठीचार्ज हुआ है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों की तरफ देखते हुए कहा कि हमें तो पता ही नहीं है पता करवाएंगे।
इधर, जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा था कि कोई कानून तोड़ने का काम करेगा करेगा तो कानून व्यवस्था स्थापित करने में लोग एक्शन लेंगे ही। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज कोई नई बात नहीं है, कई स्थानों पर लाठी चार्ज होता है।
इस बीच, जब इस संबंध में बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजधानी में छात्रों पर पुलिस लाठी चला रही है और इसकी सूचना पुलिस राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को नहीं दे रही तो यह गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि बिहार अब भगवान भरोसे ही है। खुद मुख्यमंत्री कहते है कि उन्हें लाठी चार्ज की जानकारी नहीं है, यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब सीएम को अधिकारी जो बताते हैं, उन्हे याद भी नहीं रहता, ऐसी स्थिति में अब उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर आश्रम चले जाना चाहिए। उन्होंने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि अब बिहार को मुक्ति दे दीजिए।
--आईएएनएस
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