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पटना (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने सहित विभिन्न मांगों के मुद्दे पर महागठबंधन में शामिल घटक दलों के नेताओं के साथ बैठक की और उनकी राय जानी। नीतीश कुमार द्वारा शनिवार शाम में बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस, राजद, वामपंथी दल के नेता पहुंचे और अपनी बात रखी तथा सुझाव दिए। इस बैठक में हालांकि कोई निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन शिक्षक संगठनों में इस बैठक के बाद आशा की किरण दिखाई दी है।
बैठक के बाद बाहर निकले कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने पत्रकारों को बताया कि बहुत ही सकारात्मक बात हुई है। सारी पार्टियों ने अपनी-अपनी बात कही, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ध्यान से सुना।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले से ही अधिकारियों को बुला रखा था। खान ने संभावना जताते हुए कहा कि फैसला सकारात्मक होने की उम्मीद है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि निर्णय लेने में कुछ तो समय लगेगा। अधिकारियों के साथ बातचीत कर जल्द ही निर्णय होगा।
भाकपा माले की ओर से विधायक दल के नेता महबूब आलम और संदीप सौरभ बैठक मे उपस्थित रहे। संदीप सौरभ ने कहा कि मुख्यमंत्री से शिक्षक नियमावली के विभिन्न पहलुओं पर लंबी बातचीत हुई, जिसकी दिशा सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कुछ ही दिनों में इस मामले का हल निकाल लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नियोजित शिक्षक बिना परीक्षा राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग पर लंबे समय से आंदोलित हैं। बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब चार लाख बताई जाती है।
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