बिहार

नीतीश सरकार ने क्राइम कंट्रोल को लेकर उठाया कदम, पुलिस अफसरों की तय की जिम्मेदारी

Renuka Sahu
14 April 2022 4:56 AM GMT
नीतीश सरकार ने क्राइम कंट्रोल को लेकर उठाया कदम, पुलिस अफसरों की तय की जिम्मेदारी
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फाइल फोटो 

अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। अपराधियों पर नकेल कसने और उन्हें सजा दिलाने से लेकर कैदियों तक की निगरानी को लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। न सिर्फ गिरफ्तारी पर फोकस किया गया बल्कि पुलिसिंग के तमाम पहलुओं पर कारगर ढंग से काम हो, इसके लिए गृह विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है।

गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत सार्वजनिक स्थानों पर फायरिंग, हथियार लहराना व धमकी देना, हत्या, डकैती, लूट, फिरौती हेतु अपहरण, रंगदारी, चेन या मोबाइल छिनने की घटनाएं, महिलाओं के विरुद्ध अपराध व एससी-एसटी के विरुद्ध हुए अत्याचार को गंभीर श्रेणी के अपराध में रखा है। इन घटनाओं से जुड़े मामलों में जिला पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई का पर्यवेक्षण रोजाना पुलिस मुख्यालय करेगा।
गिरफ्तारी की समीक्षा होगी
इन दस श्रेणी के कांडों में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करना होगा। फरार रहने की सूरत में ऐसे कितने वारंटों का तामिला हुआ। किन परिस्थितियों में गिरफ्तारी नहीं हुई, इसकी भी समीक्षा होगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि कितने वारंट एक माह के अंदर, कितने एक से तीन माह और कितने तीन महीने से अधिक से लंबित हैं।
कुर्की जब्ती की वीडियोग्राफी होगी
कुर्की जब्ती को लेकर खानापूर्ति नहीं हो पाएगी। गृह विभाग ने आदेश दिया है कि कुर्की जब्ती की वीडियोग्रॉफी की जाए। कुर्की जब्ती की कार्रवाई प्रभावी तरीके से हो, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। लंबित कुर्की वारंट की भी समीक्षा गिरफ्तारी वारंट की तर्ज पर होगी।
बड़े जिलों में 10 तो छोटे में 5 कांडों का हर माह स्पीडी ट्रायल
गृह विभाग ने गंभीर आपराधिक कांडों में शामिल अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए भी जिम्मेदारी तय की है। इसके तहत पटना में ऐसे 15 कांडों को स्पीडी ट्रायल के लिए हर महीने चिन्हित किया जाएगा। वहीं प्रमंडलीय मुख्यालय वाले जिलों में 10 और अन्य जिलों में 5 मामले चिन्हित होंगे। जिलाधिकारी और एसपी/एसएसपी इसकी भी समीक्षा करेंगे कि पहले से फास्ट ट्रैक कोर्ट में कितने मामले विचाराधीन हैं और कितने मामलों को ट्रायल के लिए लिया गया है।
24 घंटे होगी गश्ती, रोस्टर तैयार होगा
गश्ती को लेकर थानेदार की जिम्मेदारी तय की गई है। थाना स्तर पर अगले 24 घंटे की गश्ती का रोस्टर तैयार रखना होगा। वहीं गश्ती दल को एक डायरी मिलेगी, जिसपर वह अपने द्वारा किए गए कार्यों को लिखेंगे और थानेदार उसपर हस्ताक्षर करेंगे। यदि गश्ती दल अपने क्षेत्र में उपलब्ध नहीं रहते हैं और घटना होती है तो एसपी द्वारा थानेदार पर कार्रवाई की जाएगी। गृह विभाग ने दुर्दांत अपराधियों पर सीसीए की धारा 3 और 12 के तहत प्रस्ताव तैयार रखने का आदेश दिया है। ताकि समय पर तुरंत इन प्रस्तावों को सक्षम प्राधिकार के पास कार्रवाई के लिए भेजा जा सके। भू-माफियाओं और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 107 और 144 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई होगी।
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