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पटना, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री (former deputy chief minister) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार पर सारण के पुलिस अधीक्षक (SP) को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में पिछले तीन माह में जहरीली शराब से मौत की दो बड़ी घटनाओं के बाद भी सरकार (Government) वहां के एसपी को बचा रही है। चौकीदार और कुछ छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई करना तो केवल दिखावा है। श्री मोदी ने शनिवार को कहा कि वर्तमान एसपी के रहते तीन माह पहले भी जहरीली शराब से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे दियारा क्षेत्र में अवैध शराब बनाने की सैकड़ों भट्ठियाँ चल रही हैं। उन्होंने कहा कि सारण में बालू और दारू का धंधा क्या बिना एसपी की कृपा के चल रहा है।
भाजपा सांसद ने कहा कि जहरीली शराब के मामले में जब संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को जिम्मेदार मानने की नीति है, तब सारण के एसपी को अब तक निलम्बित क्यों नहीं किया गया । उन्होंने कहा कि शराब के लिए छापेमारी के दौरान जब पांच लोगों को जेल भेजने और पचासों लोगों को पैसे वसूल कर छोड़ने का रवैया खुलेआम चल रहा है, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पुलिस शराबबंदी को सफल कैसे बना सकती है।
श्री मोदी ने कहा कि एकतरफ सरकार बड़े गुनहगार (एसपी) को बचा रही है और दूसरी तरफ गरीब पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं देने पर अड़ी है। उन्होंने कहा कि उत्पाद कानून की धारा - 42 में पीड़ितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान होने के बाद भी सरकार के मंत्री परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि जहरीली शराब कांड के पीड़ितों के साथ वैसा कठोर रवैया अपनाया जा रहा है, जैसा हत्या-बलात्कार के संगीन मामले में अपराधियों के आश्रितों के प्रति होता है।
Source : Uni India
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