नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कहा कि उसने बिहार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) मॉड्यूल संबंध रखने, हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था करके आपराधिक कृत्यों को संचालित करने और योजना बनाने के साथ-साथ हिंसक विचारधारा और एजेंडे का प्रचार करने के आरोपी चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी के प्रवक्ता के अनुसार, एनआईए ने पूर्वी चंपारण जिले के सभी निवासियों मोहम्मद तनवीर, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद बेलाल और मोहम्मद इरशाद आलम के खिलाफ गुरुवार को पूरक आरोप पत्र दायर किया।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए की जांच के अनुसार, आलम उस आपराधिक सिंडिकेट का सदस्य है जो आतंक फैलाने व सांप्रदायिक नफरत के इरादे से एक विशेष समुदाय के युवक पर हमला करने और उसकी हत्या करने से संबंधित आपराधिक साजिश में अन्य पीएफआई कैडरों के साथ शामिल था।
तनवीर और आबिद ने हेट क्राइम को अंजाम देेेने के लिए आवश्यक सामग्री एक अन्य गिरफ्तार आरोपी याकूब खान को सौंप दिया था, जो हथियारों और रणनीति का पीएफआई मास्टर ट्रेनर है और उसने प्रतिबंधित संगठन को आगे बढ़ाने के लिए कई हथियार प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए थे।
पीएफआई की गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने और इस मामले में प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों या आरोपी व्यक्तियों को विदेशों से अवैध धन मुहैया कराने के आरोप में चार आरोपियों सहित कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यह मामला शुरू में बिहार पुलिस ने पिछले साल 12 जुलाई को पटना के फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन में 26 लोगों के खिलाफ दर्ज किया था।
एनआईए ने इस साल 22 जुलाई को जांच अपने हाथ में ली थी।
एनआईए ने इस मामले में सात जनवरी को चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।