बिहार

ग्रामीण इलाकों में 35.2 के करीब है नवजात की मृत्यु दर

Admindelhi1
27 May 2024 3:51 AM GMT
ग्रामीण इलाकों में 35.2 के करीब है नवजात की मृत्यु दर
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बचपन के किसी अन्य अवधि की तुलना में नवजात के मृत्यु की संभावना इस दौरान अधिक होती है

दरभंगा: नवजात के जन्म के बाद पहले 28 दिन उसके जीवन व विकास के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होता है. बचपन के किसी अन्य अवधि की तुलना में नवजात के मृत्यु की संभावना इस दौरान अधिक होती है. इसलिये कहा जाता है कि नवजात के जीवन का पहला महीना आजीवन उसके स्वास्थ्य व विकास के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होता है. लिहाजा इस दौरान नवजात का विशेष देखभाल जरूरी होता है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं. ताकि नवजात सुरक्षा संबंधी उपायों को मजबूती प्रदान की जा सके.

स्वच्छता, टीकाकरण व उचित पोषण जरूरी सिविल सर्जन ने कहा कि प्री-मैच्योरिटी, प्रीटर्म व संक्रमण व जन्मजात विकृतियां नवजात मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. नवजात के स्वस्थ जीवन में नियमित टीकाकरण, स्वच्छता संबंधी मामलों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. जन्म के एक घंटे बाद नवजात के लिये मां का गाढ़ा पीला दूध का सेवन जरूरी करायें. उचित पोषण के लिये छह माह तक मां के दूध के अलावा किसी अन्य चीज के उपयोग से परहेज करें. बच्चों के वृद्धि व विकास को बढ़ावा देने के लिये उचित पोषण महत्वपूर्ण है.

बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि बदलते मौसम में बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. शिशुओं को इस समय अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है. इसलिये नियमित अंतराल पर स्तनपान कराना जरूरी है. त्वचा की अच्छी से मालिश करें. बच्चे के कपड़ों को हमेशा साफ रखें. कंगारू मदर केयर तकनीक शरीर के सामान्य तापमान को बनाये रखने के लिये सुरक्षित, प्रभावी व वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तरीका है.

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