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दिल्ली की राह ताक नवजात शिशु
बिहार जिस नवजात को विक्रमशिला पुल के पास बने एक क्लैम्प पर फंसे कपड़े में मानवता छोड़कर चली गई थी, वह इन दिनों मायागंज अस्पताल के नीकू वार्ड में रखे रेडिएंट वार्मर में अपनों की राह ताक रहा है. बच्चे के इलाज के लिए डॉक्टर दो राउंड आ रहे हैं तो नीकू वार्ड में तैनात इस नवजात पर नर्सों का रहम बरस रहा है. लेकिन इसकी चमकती आंखें अपनी मां के आंचल तले मिलने वाले सुकून का इंतजार कर रही है.
घंटों खुले में रहने से हाइपोथर्मिया की शिकार हो गया नवजात मायागंज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में नीकू वार्ड के बेड नंबर 30 पर डॉ. सतीश कुमार की यूनिट में इस बच्चे का इलाज चल रहा है. बकौल डॉ. सतीश, लंबे समय तक खुले में पड़े रहने के कारण नवजात हाइपोथर्मिया का शिकार हो गया था. उसके कई अंग शिथिल पड़ने लगे थे. जब बच्चे को इलाज के लिए पुलिस लेकर आई थी, तब वह हाइपोथर्मिया के कारण बुरी तरह से कांप रहा था. उसे तत्काल ही रेडिएंट वार्मर में रखकर उसका इलाज शुरू कर दिया गया. अभी बच्चे की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. बच्चे की निगरानी एक अनाथाश्रम से जुड़ा एक व्यक्ति कर रहा है तो कभी-कभार एक महिला कांस्टेबल कर आकर बच्चे का हाल-चाल जान जा रही है.
सेतु से सटे क्लैम्प में मिला था
21 सितंबर को तड़के में गश्ती पर निकले टीओपी प्रभारी विशेष कुमार उनकी गश्ती टीम को किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी थी. आवाज की दिशा में आगे बढ़े तो गश्ती टीम को विक्रमशिला पुल के पोल संख्या 113 के पास पुल से सटे क्लैम्प में टंगे कपड़े के थैले में एक नवजात मिला था. तत्काल ही टीओपी प्रभारी नवजात को लेकर मायागंज अस्पताल पहुंचे और नीकू वार्ड में भर्ती करा दिया था.
SANTOSI TANDI
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