भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के रेगुलर कोर्स या सामान्य शिक्षा से नेट पास करने की अपेक्षा बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर के छात्र-छात्राएं ज्यादा संख्या में नेट उत्तीर्ण हो रहे हैं. यानी उच्च शिक्षा यानी पीएचडी और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिये अर्हता रखने वाले कृषि के छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
बीएयू के विभिन्न कॉलेजों से छात्र-छात्राओं ने नेट में सफलता पाई है. 2015 में नेट पास करने वाले सिर्फ चार छात्र थे. 2016 में यह संख्या बढ़कर 16 हो गई. 2017 में यह संख्या 37 और 2018 में 40 छात्रों ने नेट में सफलता पाई. 2019 में नेट में 31 छात्रों ने सफलता पाई. 2021 में 33 और 2022 में 25 छात्र-छात्राओं ने नेट में सफलता पाई. वहीं इस बार 81 छात्र-छात्राओं ने नेट और जेआरएफ में सफलता पाई है. बीएयू में पिछले 12 वर्षों में तीन बार सहायक प्राध्यापकों के पदों पर नियुक्ति की गई, लेकिन तीनों बार जितने पदों के लिये विज्ञापन हुए उससे कम ही अभ्यर्थी सहायक प्राध्यपक के रूप में मिले. 2011 में सहायक प्राध्यापक के 281 पदों का विज्ञापन निकला था और 161 पदों पर ही नियुक्ति हुई. 2013 में 112 पदों पर सहायक प्राध्यापक के लिए विज्ञापन निकला था, लेकिन उनमें 61 पदों पर नियुक्ति हुई. 2019 में 24 पदों पर सहायक प्रध्यापक के पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकला था, लेकिन उसमें 22 पदों पर ही नियुक्ति हुई थी. 2020 में 310 पदों के लिये नियुक्ति का विज्ञापन निकला और उसकी प्रक्रिया शुरू हई जो चल रही है. इसके लिये अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. जिसमें उनके आवेदनों की जांच कर स्क्रीनिंग की गई है और उसके बाद मार्क्स अपलोड कर दिया गया है. अब साक्षात्कार होना बाकी है. वहीं सहायक प्राध्यापक के समान अर्हता रखने वाले एसएमएस के पदों पर भी दो बार नियुक्ति हो चुकी है और अभी प्रक्रिया चल भी रही है. 2011 में 28 पदों पर नियुक्ति के लिये आवेदन हुये थे और उनमें से 22 पदों पर नियुक्ति हुई थी. वहीं 2013 में 22 पदों पर एसएमएस की नियुक्ति के लिये प्रक्रिया शुरू की गई और उनमें से 20 पदों पर ही नियुक्ति हुई. वहीं 2023 में भी एसएमएस के लिये 49 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया, जिसकी प्रक्रिया चल रही है.