बिहार
डॉक्टरों की लापरवाही उजागर, मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 25 लोगों की आंखों में दिक्कत, निकालनी पड़ी आंख
jantaserishta.com
30 Nov 2021 2:53 AM GMT
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वहीं कुछ मरीजों से भी कहा गया कि उनकी भी आंख निकालनी पड़ेगी.
मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों की लापरवाही से मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद करीब 25 लोगों की आंखों में समस्या आ गई है. आनन-फानन में चार मरीजों की आंख भी निकालनी पड़ी ताकि दूसरी आंख बचाई जा सके. वहीं कुछ मरीजों से भी कहा गया कि उनकी भी आंख निकालनी पड़ेगी. ये सभी लोग मुजफ्फरपुर के एक निजी संस्था में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने के लिए पहुंचे थे. अब मामला सामने आने के बाद आई अस्पताल में ताला लगा है.
बताया जाता है कि बीते सोमवार (22 नवंबर) को 25 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. उत्तर बिहार के प्रसिद्ध आई हॉस्पिटल में सभी आए थे. परिजनों के अनुसार मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंखों में दर्द हुआ इसके बाद समस्या शुरू हो गई. जब चिकित्सकों को पता चला तो हड़कंप मच गया. मरीज के परिजनों से कहा गया कि दूसरी आंख बचाने के लिए अब ऑपरेशन वाली आंख हमें निकालनी पड़ेगी. यह सुनकर सबके होश उड़ गए.
इधर, पीड़ितों ने सिविल सर्जन और जिलाधिकारी से इस संबंध में शिकायत की जिसके बाद जांच टीम बनाकर अब पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है. वहीं आई अस्पताल में भर्ती मरीजों को एसकेएमसीएच में भर्ती करवाया गया है.
आई हॉस्पिटल में मुजफ्फरपुर और आसपास से लोग इलाज कराने के लिए आए थे. कुछ शिवहर तो वैशाली से भी आए थे. ऑपरेशन कराने आए मुजफ्फरपुर की सावित्री देवी, मीना देवी, कौशल्या देवी और वैशाली के हरेंद्र रजक की आंख निकाली जा चुकी है. वहीं, अस्पताल के सहायक प्रबंधक दीपक कुमार ने कहा कि सभी लोगों का ऑपरेशन यहां हुआ था. इनमें से चार लोगों की आंखों में इंफेक्शन हुआ था जिसके बाद उनकी आंख निकालनी पड़ी है.
उधर, मामला बढ़ता देख और अन्य मरीजों के आने के बाद कार्यालय बंद हो गया और अस्पताल के सभी कर्मी भी गायब हो गए. वहीं घटना के संबंध में सिविल सर्जन विनय कुमार शर्मा ने बताया कि मामला संगीन है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष टीम बनाई गई है. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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