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बिहार | सीबरेज और पेयजलापूर्ति का पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गई शहर की अधिकांश सड़कें पिछले पांच दिन तक हुई लगातार बारिश के बाद पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं. सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढे जानलेवा हो चुके हैं. जानलेवा गड्ढों में फंस कर पिछले पांच दिन में जगह-जगह एक दर्जन से अधिक वाहन फंस कर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. दूसरी ओर सड़कों के निर्माण की दिशा में संबंधित विभाग पूरी तरह सक्रियता नहीं दिखा रहे. पथ निर्माण विभाग के अनुसार शहर की 29.5 किलोमीटर मुख्य सड़क का ही पुननिर्माण आरसीडी द्वारा किया जाना है. शेष सड़कें नगर निगम को बनानी है. जबकि निगम प्रशासन के अनुसार निगम क्षेत्र के अधीन पड़ने वाली सड़कों का रिस्टोरेशन एजेंसी को करना है. ज्यादा जर्जर सड़क का निर्माण नगर निगम द्वारा निविदा के माध्यम से किया जाएगा.
बता दें कि सीबरेज का काम कर रही ईएमएस एजेंसी द्वारा शहर में 167 किलोमीटर तथा पेयजलापूर्ति का काम कर रही जेएमसी कंपनी द्वारा 346 किलोमीटर सड़क व गली की खुदाई कर पाइप लाइन बिछायी गयी है. इसमें से 29.5 किलोमीटर मुख्य सड़क शेष नगर निगम के अधीन पड़ने वाली सड़क हैं. जिसमें शहर के मुंगेर-जमालपुर मुख्य पथ पर सफियासराय से लेकर पुरानीगंज चौंक तक सड़क की स्थिति पूरी तरह बदहाल बनी है. इसके अलावा पूरबसराय ढाला से लेकर दिलीप बाबू धर्मशाला तक सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. शहर के राजीव गांधी चौंक से आजाद चौंक तक सड़क गड्ढे में तब्दील है. इसके अलावा नगर निगम के अधीन पड़ने वाली अंबे चौंक से लेकर शाहजुबैर रोड तक सड़क इस कदर बदहाल है कि इस पर दोपहिया वाहनों को भी हिचकोले खाकर गुजरना पड़ता है. चूआबाग चौंक से लेकर मकससपुर तिनबटिया खानकाह रोड पूरी तरह जर्जर है. यह रोड वर्ष 2002 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के आगमन के समय ही बनी थी उसके बाद से यह सड़क नहीं बनी है. इन सभी सड़कों में सीबरेज और जलापूर्ति एजेंसी द्वारा खुदाई कर पाइप बिछाने के बाद बिना रिस्टोरेशन किए सिर्फ जीएसबी डालकर मोटरेबुल करके छोड़ दिया गया. पिछले पांच दिन तक लगातार हुई बारिश के कारण उक्त सभी सड़कों पर बने गड्ढे अब जानलेवा बन चुके हैं.
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