बिहार

कृषि की प्राचीन पद्धति है प्राकृतिक खेती:- प्रभाकर

Shantanu Roy
11 Oct 2022 5:58 PM GMT
कृषि की प्राचीन पद्धति है प्राकृतिक खेती:- प्रभाकर
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नवादा। नवादा जिले के कौआकोल प्रखण्ड के जेपी आश्रम सोखोदेवरा में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र,ग्राम निर्माण मंडल सर्वोदय आश्रम सोखोदेवरा,नवादा के सौजन्य से प्राकृतिक खेती विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में प्रखण्ड के महुडर पंचायत के झरनवां,रानीगदर एवं करमाटांड़ गांव के दर्जनों किसानों के अलावे जिला से आये हुए दर्जनों जेपी के अनुयायियों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए ग्राम निर्माण मण्डल के अध्यक्ष प्रभाकर कुमार ने कहा कि प्राकृतिक खेती कृषि की प्राचीन पद्धति है। प्राकृतिक खेती में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता है।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डा. रंजन कुमार सिंह ने कहा कि प्राकृतिक खेती में कीटनाशकों के रूप में गोबर खाद, जीवाणु खाद, फसल अवशेष आदि द्वारा पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं। प्राकृतिक खेती में प्रकृति में उपलब्ध मित्र कीट एवं जैविक कीटनाशक द्वारा फसलों को जीवाणुओं से बचाया जाता है। ग्राम निर्माण मण्डल के प्रधानमंत्री अरविंद कुमार ने कहा कि आज खेत में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक का प्रयोग कर लोग बीमार हो रहे हैं। इसलिए हमें प्राकृतिक खेती अपनाने की आवश्यकता है। इसमें रासायनिक खाद एवं रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं करते और जैविक विधि द्वारा खेती किया जाता है। जिससे की गुणवत्तायुक्त अनाज का उत्पादन होता है एवं उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। इस दौरान कई किसानों के बीच प्राकृतिक खेती योजना अंतर्गत उपादन वितरण कार्यक्रम के तहत 100 लीटर पानी का डिब्बा का भी वितरण किया गया। मौके पर जिला पार्षद अजित यादव,जीएनएम के कोषाध्यक्ष दिलीप मंडल,केवीके के वैज्ञानिक डॉ० धनन्जय कुमार समेत अन्य कृषि वैज्ञानिक एवं कर्मी मौजूद थे।
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