नारी शक्ति अभिनन्दन: बीजेपी से एक भी महिला को नहीं मिला टिकट
पटना: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में अपने कोटे के सभी 17 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. सभी जाति-वर्गों का ख्याल रखा गया है लेकिन आधी आबादी को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है. एक भी महिला को इस बार टिकट नहीं मिला है.
पटना: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए के सामने 2019 के नतीजे को दोहराना बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि न तो जेडीयू और न ही बीजेपी किसी तरह का रिस्क लेना चाहती है. गठबंधन में ज्यादातर पुराने चेहरों को ही रिपीट किया गया है. शनिवार देर शाम भारतीय जनता पार्टी ने जिन 17 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है, उनमें किसी महिला को कैंडिडेट नहीं बनाया गया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार आधी आबादी की भागीदारी की बात करते हैं. इसी सोच के साथ पिछले साल महिला आरक्षण कानून भी लाया गया था.
बीजेपी की शनिवार की जारी लिस्ट में बिहार के सभी 17 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया. इसके तहत पश्चिम चंपारण से संजय जायसवाल, पूर्वी चंपारण से राधा मोहन सिंह, मधुबनी से अशोक कुमार यादव, अररिया से प्रदीप कुमार सिंह, दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर, मुजफ्फरपुर से राज भूषण निषाद, महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सारण से राजीव प्रताप रूडी, उजियारपुर से नित्यानंद राय, बेगूसराय से गिरिराज सिंह, पटना साहिब से रवि शंकर प्रसाद, पाटलिपुत्र से राम कृपाल यादव, आरा से आरके सिंह, बक्सर से मिथिलेश तिवारी, सासाराम से शिवेश राम, औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह और नवादा से विवेक ठाकुर को टिकट मिला है. इसमें एक भी महिला कैंडिटेट नहीं है.
शिवहर से रमा देवी बेटिकट:
2019 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव जीतने वालीं एक मात्र महिला सांसद रमा देवी को इस बार शिवहर से उम्मीदवार नहीं बनाया गया है. उनकी सीट इस बार जेडीयू के खाते में चली गई है, जिस वजह से वह बेटिकट हो गईं हैं. हालांकि जेडीयू ने उनकी जगह आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को कैंडिडेट बनाया गया है. लवली जहां राजपूत समाज से आती हैं, जबकि रमा देवी वैश्य समाज से आती हैं. उनके पति बृज बिहारी प्रसाद बिहार सरकार में मंत्री थे, जो लालू यादव के साथ थे.
एनडीए से सिर्फ 2 महिला कैंडिडेट:
बीजेपी-जेडीयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अलावे किसी भी दल ने अभी तक आधिकारिक तौर पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है. बीजेपी से जहां एक भी महिला को टिकट नहीं मिला, वहीं जेडीयू ने शिवहर से लवली आनंद और सिवान से विजयालक्ष्मी देवी को मौका दिया है. गया से हम संरक्षक जीतनराम मांझी और काराकाट से आरएलएम चीफ उपेंद्र कुशवाहा खुद ही लड़ेंगे, जबकि चिराग पासवान की 5 सीटों में किसी भी महिला को टिकट मिलने की संभावना नहीं दिख रही है.
विपक्ष में आधी आबादी की अधिक भागीदारी:
महागठबंधन की ओर से अभी तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की गई है लेकिन आरजेडी ने कई प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया है. अब तक जो तस्वीर सामने आई है, उसके तहत जमुई से अर्चना रविदास और मुंगेर से अनिता देवी को टिकट मिल चुका है, जबकि पाटलिपुत्र से मीसा भारती, सारण से रोहिणी आचार्य और पूर्णिया से बीमा भारती के नाम की चर्चा है. कांग्रेस की तरफ से भागलपुर सीट पर अभिनेत्री नेहा शर्मा को टिकट दिया जा सकता है.
क्या है महिला आरक्षण कानून?:
पिछले साल सितंबर में केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाया था. विधेयक को 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित किया गया था. बाद में 29 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी. हालांकि जनगणना के बाद जब लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन होगा, तभी इसे लागू किया जा सकेगा.