Nalanda: जिले में दूसरी मिट्टी जांच प्रयोगशाला राजगीर में खुलेगी
नालंदा: किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है. राजगीर में जिले की दूसरी मिट्टी जांच प्रयोगशाला जल्द काम करने लगेगी. मशीनों की आपूर्ति हो चुकी है. लगाने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. शहर के ई-किसान भवन में संचालित होने वाले जांच केंद्र में ही अब राजगीर अनुमंडल के सिलाव, बेन, राजगीर, गिरियक और कतरीसराय प्रखंडों के खेतों से जुटाये गये मिट्टी के नमूनों की जांच होगी. किसानों को जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के मिट्टी जांच केंद्र का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
अनुमंडल स्तर पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना पर 75 लाख रुपए खर्च किये जा रहे हैं. इसकी क्षमता सालाना 10 हजार मिट्टी के नमूनों की जांच की होगी. खेतों से लिये गये मिट्टी के नमूनों की जांच कर स्वायल हेल्थ कार्ड बनाकर किसानों को मुहैया कराया जाएगा. कार्ड पर दिये गये सुझाव के अनुसार धरती पुत्र खेती करेंगे तो उपज अच्छी मिलेगी.
दो कर्मियों की प्रतिनियुक्ति नयी स्थापित हो रही जांच प्रयोगशाला में फिलहाल मिट्टी के नमूनों की जांच के लिए एक एटीएम (सहायक तकनीकी प्रबंधक) और एक बीटीम (प्रखंड तकनीकी प्रबंधक) की प्रतिनियुक्ति की गयी है. स्थायी तौर पर जांच कर्मियों की तैनाती के लिए सरकार के स्तर से प्रक्रिया जारी है.
12 पारा मीटर की होगी जांच मिट्टी में मौजूद 12 पारा मीटर की जांच यहां होगी. इसके लिए आठ प्रकार की मशीनें लगायी जा रही हैं.
चार मशीनें राजगीर पहुंच चुकी है. शेष भी दो-चार दिनों में आ जाएंगी. हालांकि, अनुमंडल सतर पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला खोलने के लिए पहले हिलसा का चयन किया गया था. लेकिन, वहां ई किसान भवन न रहने के कारण राजगीर का चयन किया गया.
ई-किसान भवन में इन मानकों की जांच होगी
1. पीएच 2. जैविक कार्बन 3. नाइट्रोजन 4. फास्फोरस 5. पोटाश 6. सल्फर 7. ईसी 8. जिंक 9. बोरोन 10. आयरन 11. मैगनीज 12. कॉपर
ये मशीनें लगायी जा रहीं
1. ऑटोमेटिक ऑब्जरपशन स्पेक्ट्रोमीटर (जिंक, आयरन, मैगनीज व कॉपर की जांच)
2. प्लेम फोटोमीटर (पोटाश की जांच)
3. नाइट्रोजन एनालाइजर (नाइट्रोजन की जांच)
4. स्पेक्ट्रोमीटर (सल्फर, बोरन, फास्फोरस की जांच)
5. ऑर्गेनिक कार्बन ( ऑर्गेनिक कार्बन की जांच)
6. बोरन टेस्ट इक्विपमेंट (बोरोन की जांच)
7. पीएच मीटर (पीएच की जांच)
8. ईसी मीटर (ईसी की जांच)
राजगीर के ई-किसान भवन में मिट्टी जांच प्रयोगशाला स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. जिन-जिन मशीनों की आपूर्ति हो चुकी है, उसे लगाया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही नयी प्रयोगशाला में मिट्टी के नमूनों की जांच प्रारंभ हो जाएगी. इससे स्वायल हेल्थ कार्ड बनाने में काफी सहूलियत होगी.
-दुर्गा रंजन, ईंचार्य, जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला, बिहारशरीफ