नालंदा: हत्या के जिस आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा, उस पर चार्जशीट दाखिल करना भूल गई. तय 90 दिनों में चार्जशीट दाखिल नहीं होने से हत्यारोपित को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत से मुक्त कर दिया.
मामला सरैया थाना के बहिलवारा गांव के किराना दुकानदार रामजन्म पांडेय हत्याकांड का है. इस कांड में पुलिस ने मुख्य नामजद आरोपित सन्नी कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. लेकिन, 90 दिन में उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं की. इसके कारण आरोपित को 167(2) के तहत कानूनी लाभ मिला. बीते आठ जनवरी की रात रामजन्म पांडेय की गला काटकर हत्या कर दी गई थी. उसके पुत्र रामप्रवेश पांडेय ने गांव के ही नरेश तिवारी के पुत्र सन्नी कुमार को नामजद आरोपित बनाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. गुटखा थूकने से मना करने पर सन्नी ने रामजन्म पांडेय की हत्या सोई हुई हालत में कर दी थी. एफआईआर में रामप्रवेश पांडेय ने पुलिस को बताया था कि घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर उसका बथान है. बथान के पास ही गुमटी में किराना दुकान है. बथान में ही पिता बीते 50 वर्षों से सोते थे. घटना की रात भी वह सोए हुए थे. सुबह में जब रामप्रवेश दुकान खोलने पहुंचा तो उसके पिता रूटीन के मुताबिक नहीं जगे हुए थे. उसने पिता को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. तब वह उन्हें जगाने पहुंचा. बिस्तर पर खून से लथपथ शव पड़ा था. रामप्रवेश ने पुलिस को बताया था कि आरोपित सन्नी बथान व दुकान के पास गुटखा थूक देता था. इसी बात को लेकर उससे विवाद हुआ था. इसी विवाद में घटना को अंजाम दिया गया.
जेल में बंद हत्यारोपित पर चार्जशीट दाखिल नहीं करना गंभीर चूक है. मामले की जांच कर आईओ के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
- कुमार चंदन, एसडीपीओ