बिहार

Nalanda: बिना निबंधन के बेरोकटोक किया जा रहा था ऑपरेशन

Admindelhi1
14 Nov 2024 5:19 AM GMT
Nalanda: बिना निबंधन के बेरोकटोक किया जा रहा था ऑपरेशन
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सदर अस्पताल में भर्ती रोगियों को बहला-फुसलाकर इन क्लीनिकों में भेजा जाता था

नालंदा: बिना निबंधन के अस्पताल में बेरोकटोक रोगियों का ऑपरेशन किया जा रहा था. हद तो यह कि सदर अस्पताल में भर्ती रोगियों को बहला-फुसलाकर इन क्लीनिकों में भेजा जाता था.

सौंपी गयी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. डीएम शशांक शुभंकर के आदेश पर सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह व डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने को शहर के सरोज मेमोरियल हॉस्पिटल और शांति हॉस्पिटल की जांच की थी. वहां मानक के अनुसार क्लीनिक में चिकित्सीय व्यवस्थाएं तक नहीं थीं. वहां की व्यवस्था देख जांच अधिकारी भौंचक्के रह गए. इसके पहले भी जांच टीम को इस तरह की लापरवाही कई क्लीनिकों में मिल चुकी है. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर फाइल दबा दी जाती है. इसके कारण इस धंधा में लगे संचालकों व बिचौलियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. इसका खामियाजा भोले-भाले रोगियों व परिजनों को भुगतना पड़ता है. सदर अस्पताल से बड़ी पहाड़ी मामू-भगीना मोड़ तक करीब एक दर्जन से अधिक क्लीनिक मानकों की अनदेखी करते हुए बिना निबंधन के चल रहे हैं. हर दिन इस इलाके से वरीय अधिकारियों का आना-जाना होता है. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं होती है. जांच में सरोज मेडिकल हॉस्पिटल एवं शांति हॉस्पिटल के आगे बोर्ड में जो मोबाइल नंबर अंकित था, वहीं मोबाइल नंबर शिवानी मेडिकल हॉल के बोर्ड पर भी अंकित मिला. न तो अस्पताल न ही मेडिकल स्टोर के पास निबंधन था. जांच अधिकारियों का कहना था कि तीनों संस्थान एक ही व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा है.

चल रहे 403 में से मात्र 153 क्लीनिक ही निबंधित सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आनंद पथ (नाला रोड) स्थित सरोज मेडिकल हॉस्पिटल में चिकित्सक कक्ष था. लेकिन, वहां डॉक्टर नहीं थे. वहीं शिवानी मेडिकल हॉल के संचालक ने बताया कि डॉ. सोनू कुमार इलाज करने के लिए आते हैं. इसी तरह पास स्थित शांति हॉस्पिटल में डॉक्टर न ही नर्स हैं. हद तो यह कि वहां इसके अलावा भी अन्य कोई कर्मी नहीं था. पहले तल्ला पर कमरा में तीन महिला रोगी भर्ती थीं. इसमें नूरसराय की कुंदी निवासी शोभा कुमारी ने बताया कि वह 29 अक्टूबर की सुबह प्रसव पीड़ा के बाद सदर अस्पताल में भर्ती हुई थी.

यहां से कुछ लोगों ने बहला-फुसलाकर इस अस्पताल में उसी दिन पहुंचा दिया. अन्य दोनों भर्ती मरीज ने भी सीजेरियन ऑपरेशन से प्रसव कराए जाने की बात कही. अस्पताल बिना निबंधन के व मानकों की अनदेखी करते हुए चल रहा था. यह बहुत ही गंभीर बात है. जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी गयी है. जिले में चल रहे अवैध क्लीनिकों के विरुद्ध लागातार कार्रवाई की जा रही है.

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