Nalanda: डीएम कोयला गांव जलजमाव की स्थिति का जायजा लेने मिडिल स्कूल पहुंची
नालंदा: सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधारने में जुटी सरकार की पूरी मशीनरी भी सफल नही हो पा रही है. कुछ इसी तरह के कड़वे अनुभव से डीएम जे प्रियदर्शिनी को गुजरना पड़ा. घाटकुसुम्भा में बाढ़ और जलजमाव की स्थिति का जायजा लेने शनिवारी को डीएम कोयला गांव के मिडिल स्कूल पहुंची तो एमडीएम की खिचड़ी से दाल और चोखा नदारद थे. मीनू के अनुसार खिचड़ी और चोखा बच्चों को खिलाना था.
एमडीएम की यह दुर्गति देखकर डीएम बिफर पड़ीं और एचएम को जमकर लताड़ लगायी. इसके बाद डीएम का कारवां पानापुर गांव पहुंचा, जहां ग्रामीणों से बात कर डीएम ने उनकी समस्याओं को सुनीं. ग्रामीणों ने पानापुर को लखीसराय को जोड़ने वाले 50 मीटर के सम्पर्क पथ को बनाने और गांव को बाढ़ की विभीषिका से बचाने की गुहार लगाई. निरीक्षण के दौरान एडीएम सियाराम सिंह, एसडीओ राहुल कुमार, एसडीपीओ अरविंद कुमार सिन्हा सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
प्रतिदिन नदी के जलस्तर पर निगरानी रखें अधिकारी
डीएम द्वारा सर्वप्रथम प्रखंड कार्यालय के पास हरोहर नदी के जलस्तर की समीक्षा की गई. उन्होंने जल संसाधन विभाग द्वारा बनाये गये मीटर गेज को देखा गया. उन्होंने विभाग के कार्यपालक अभियंता को प्रतिदिन नदी के जलस्तर पर निगरानी रखने का आदेश देते हुए किऊल नदी के जलस्तर पर भी नजदीकी बाढ़ प्रमंडल क्षेत्र से समन्वय स्थापित कर नजर रखने को कहा गया है .
डीपीआरओ सौरभ भारती ने बताया कि इसके अलावा उन्होंने स्थानीय नाव की उपलब्धता , नाविक एवं गोताखोरों की संख्या के संबंध में भी अंचल आधिकारी से जानकारी प्राप्त की. साथ ही बाढ़ आने की स्थिति में शरण स्थल के लिए चयनित राहत शिविर स्थल का निरीक्षण किया गया. बाउघाट के उत्क्रमित उच्च विद्यालय व मध्य विद्यालय तथा पानापुर मध्य विद्यालय का उन्होंने निरीक्षण कर वहा कमरे की उपलब्धता, पेयजल एवं बिजली की सुविधा आदि को देखा.
पशु शरण स्थल पर बढ़ाएं सुविधाएं
उन्होंने बाऊघाट पशु शरण स्थल का निरीक्षण किया तथा जिला पशुपालन पदाधिकारी को वहां सुविधाएं बढ़ाने का आदेश दिया . साथ ही एसडीआरएफ/एनडीआरएफ टीम की उपलब्धता की जानकारी ली. लाइफ जैकेट एवं पॉलीथिन शीट की वर्तमान स्थिति की जांच करा लेने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया. उन्होंने स्थानीय स्तर पर बाढ़ से निपटने के लिए अलर्ट रहने की हिदायत दी.
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को खराब चापाकलों को जल्द कराने को कहा. बता दें कि घाटकुसुंभा प्रखंड जलजमाव प्रभावित क्षेत्र में आता है .