बिहार

Nalanda: डोर नदी पर बने पुल के पिलरों में आई दरार

Admindelhi1
11 July 2024 5:30 AM GMT
Nalanda: डोर नदी पर बने पुल के पिलरों में आई दरार
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सरकारी अमला या विभाग का इस ओर ध्यान नही

नालंदा: बिहार के अलग अलग जिलों में निर्माणाधीन पुलों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है.इस हादसे में कई जगहों पर मजदूरों की मौत भी हो चुकी हैं. उसके बाबजूद भी सरकारी अमला या विभाग का इस ओर ध्यान नही जा रहा है.

शायद कोई बड़ी हादसे होने का इंतजार कर रहे है.एक ओर नए नए पुल ध्वस्त हो रहे हैं तो दूसरे तरफ अंग्रेज के शासनकाल में बने जर्जर पुल मौत का डगर बन चुका है.इसी तरह अंग्रेज के जमाने का बना जर्जर पुल हादसे को दावत दी रहा है. दरअसल हिलसा नगर परिषद क्षेत्र में पड़ने बाला डोर नदी पर अंग्रेजों के जमाने का पुल बना हुआ है जिसकी हालत बिल्कुल जर्जर हो चुका है. जिस पिलर पर पुल की सांस चल रही है उस पिलर में ही कई जगह पर बड़े बड़े दरार पड़ गए पुल कब ध्वस्त हो जाय यह कहना मुश्किल है यह पुल न सिर्फ हिलसा -बिहारशरीफ को जोड़ता है बल्कि चंडी, हरनौत, परबलपुर जैसे विभिन्न प्रखंड को भी जोड़ता है.इस पुल से प्रतिदिन छोटी बड़ी हजारों गाड़िया गुजरती है यहां तक कि विधायक सांसद मंत्री व अनुमंण्डल और जिले के आलाधिकारी का भी गाड़ीयो की काफिला आती जाती है. फिर भी जर्जर पुल की हालत को अनदेखा करना मतलब बड़ी होने का इंतजार कर रहे हैं. पुल की मरम्मत को लेकर अबतक पथ निर्माण विभाग भी कोई पहल नही किया है.इस पुल की जर्जरता के कारण कई बार दुर्घटना भी चुका है.आलम यह है कि लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं.हालांकि हिलसा के समाजसेवी ने पुल निर्माण के लिए आंदोलन छेड़ दिया है वीते दिन हस्ताक्षर अभियान चलाने के साथ नालंदा सांसद, एसडीओ को आवेदन देकर ध्यानाकर्षण कराया है.

विकराल है जाम की समस्या: जर्जर और संकीर्ण पुल के कारण हमेशा जाम की भी समस्या बनी रहती है. पुल के दोनो छोर में बाहनो कई लंबी जाम का प्रभाव शहर पर भी पड़ता है. जाम के बजह से शहर के बिहारी रोड से निकलने में घण्टो समय लग जाता है गाड़िया सिर्फ रेंगते नजर आती है.इस जाम में न सिर्फ आम लोगो को परेशानी होती है बल्कि जनप्रतिनिधियों व अधिकारी सब को जाम में पसीना बहाना पड़ता है.

जर्जर पुल से जब बड़ी बाहन गुजरती है तो पुल कम्पन करने लगता है अगर बस होती है तो उसमें बैठे यात्री भी सहम जाते हैं और भगवान को याद कर पुल पार कर राहत की सांस लेते हैं.इस पुल से हर रोज बच्चों से भरा दर्जनों स्कूली बस का भी आना जाना होता है इसके अलावे बड़े बड़े ट्रक हाइवा भी गुजरता है.पुल के आस पास रहने बाले लोगो का कहना है कि इस जर्जर पुल को जितना जल्द हो सके इसे ध्वस्त कर दूसरा पुल बनाना चाहिये नही तो कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है.

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