Nalanda: हाथीदह से घोड़ाकटोरा तक दूसरी पाइपलाइन बिछाने की मिली सहमति
नालंदा: हर घर गंगाजल योजना के दूसरे चरण के निर्माण की योजना बनायी जा चुकी है. इसके लिए हाथीदह से घोड़ाकटोरा तक दूसरी पाइपलाइन बिछाने की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है. सिंचाई विभाग ने इसके लिए 17 सौ करोड़ रुपये की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाकर सरकार को भेज दी है. लेकिन, उसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिलना शेष है. सरकार से हरी झंडी मिलते ही इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. पहले चरण का काम रिकॉर्ड 21 माह में पूरा किया गया था. दूसरे चरण का काम अधिकतम डेढ़ साल में पूरा कर लिया जाएगा.
दूसरे चरण के निर्माण से राजगीर व नवादा के शेष क्षेत्रों के साथ ही बिहारशरीफ शहर को 24 घंटे गंगाजल की आपूर्ति की जा सकेगी. इसके लिए पहले वाले राजगीर गंगाजी जलाशय के समीप उससे तिगुना बड़ा जलाशय बनाने की योजना है. इसके लिए दो छोटे गांवों को अलग शिफ्ट किया जाएगा. राजगीर व नवादा तक पहले से गंगाजल पहुंचाया जा चुका है. ऐसे में वहां के लिए विशेष कार्य करवाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. जबकि, बिहारशरीफ को इस योजना में नये तरीके से शामिल किया जाना है. ऐसे में राजगीर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से बिहारशरीफ तक पानी लाने के लिए भी पाइपलाइन बिछानी पड़ेगी.
पहले चरण के कार्यों के महत्वपूर्ण तथ्य
1. घोड़ाकटोरा गांव नगरीय रूप लेने लगा है. यह टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित हो रहा है.
2. नालंदा की 349, नवादा की 23 एकड़ के साथ ही वन विभाग की 66 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था.
3. राजगीर, नवादा, गया व बोधगया के 89 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य है.
4. पाइपलाइन करीब 137 किलोमीटर में बिछाई गयी है.
5. वर्ष 2023 व 2051 की अनुमानित आबादी के अनुरूप बनायी गयी है योजना.
6. योजना पर पहले चरण में 2,836 करोड़ रुपए खर्च होने थे, बढ़कर 4,174 करोड़ रुपये हो गई.
7. गंगाजल संग्रहण की क्षमता : 10 मिलियन क्यूबिक लीटर
8. योजना की शुरुआत : फरवरी 2020
9. योजना का उद्घाटन : 26 2022
10. हाथीदह से घोड़ाकटोरा में पाइपलाइन की लंबाई : 75 किमी
11. ड्राई रन का परीक्षण : 6 मई 2022
12. सफल ट्रायल : मई 2022
13. 2.4 मीटर परिधि वाले पाइम से प्रति सेकेंड 5,450 लीटर पानी हाथीदह से लाया जाता है.