नालंदा: नालंदा पुलिस ने करीब नौ लाख नगद रुपये के साथ सात साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है. उनके पास से दो लाख 95 हजार रुपये मूल्य के जेवर भी बरामद किये गये हैं. इसके अलावा, सीम कार्ड, एटीएम कार्ड समेत ठगी में प्रयोग आने वाले कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद किये गये हैं. राजगीर एसडीपीओ सुनील कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता कर पुलिसिया कार्रवाई की जानकारी दी.
दरअसल, पावापुरी ओपी की पुलिस ने वाहन जांच के दौरान दो ठगों को पकड़ा था. उनकी निशानदेही पर जिले में फैले ठगी के इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ. पावापुरी के साथ बिहारशरीफ व शेखपुरा जिला से ठगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से कई नाबालिग हैं. गिरोह में एक सीएसपी संचालक भी है. वह फरार हो गया है. डीएसपी ने कहा कि बैंक की मिलीभगत से फर्जी खाता खोलकर ठगी की जा रही है.
फर्जी सीम व एटीएम कार्ड से हुआ खुलासा डीएसपी ने बताया कि पावापुरी पुलिस ने वाहन जांच के दौरान बाइक सवार तीन युवकों को रोका. पुलिस को देखकर तीनों भागने लगे. दो तो पकड़ में आ गया. तीसरा फरार हो गया. उनकी तलाशी लेने पर उनके पास से फर्जी सीम व एटीएम कार्ड बरामद हुआ. इसके बाद उनसे कड़ाई से पूछताछ की गयी. उनकी निशानदेही पर बिहार थाना क्षेत्र के खंदकपर मोहल्ले में बैंक ऑफ बड़ौदा के सीएसपी संचालक अजय कुमार के घर छापेमारी की गयी. वह फरार हो गया. उसके घर से करीब साढ़े चार लाख रुपये बरामद किये गये. मौके से कुछ युवकों को भी पकड़ा गया. उनकी निशानदेही पर सर्वोदय नगर निवासी आशीष उर्फ राजपाल को पकड़ा गया. उसके घर से भी करीब साढ़े चार लाख रुपये और जेवर बरामद किये. उसकी निशानदेही पर शेखपुरा जिला के पांची गांव से सोनू कुमार उर्फ टेलर को पकड़ा गया.
फर्जी खाता खोलकर बेचते थे गिरोह कोपूछताछ में पता चला कि यह गिरोह सीएसपी संचालक की मदद से फर्जी खाता खोलता था. फर्जी सीम कार्ड व एटीएम कार्ड साइबर ठगों के गिरोह को बेचता था. इससे इन्हें मोटा रुपया मिलता था. डीएसपी ने बताया कि इस गिरोह द्वारा खोले गये खातों से देशभर में 100 से अधिक ठगी के मामले की शिकायत मिली है. छापेमारी टीम में पावापुरी ओपी प्रभारी नारदमुनी सिंह, दिलीप कुमार मंडल, अंजन कुमार राय, साइबर थाना के विकास कुमार, विजय कुमार आदि शामिल थे.