संस्कृत विश्वविद्यालय में तीसरे चरण का नैक मूल्यांकन अधर में
दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के तीसरे चरण का नैक मूल्यांकन अधर में है. तीसरे चरण के मूल्यांकन के लिए निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करने में विश्वविद्यालय अभी तक सफल नहीं हो सका है. आलम यह है कि विश्वविद्यालय का अभी तीन वर्षों का एनुअल क्वालिटी एश्योरंस रिपोर्ट (एक्यूएआर) तक अपलोड नहीं हो सका है.
नैक मूल्यांकन के लिए उच्च शिक्षण संस्थान को लगातार पांच वर्षों का एक्यूएआर अपलोड करना होता है. उसके बाद संस्थान की ओर से इंस्टीट्यूशनल इंफॉर्मेशन फॉर क्वालिटी असेसमेंट (आईआईक्यूए) अपलोड करना होता है. आईआईक्यूए स्वीकृत होने के बाद 45 दिनों में सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) अपलोड करना होता है जिसके बाद नैक पीयर टीम के निरीक्षण का कार्यक्रम निर्धारित होता है. इस प्रक्रिया को देखते हुए लग नहीं रहा कि संस्कृत विवि के तीसरे चरण का नैक मूल्यांकन इस वर्ष संभव हो पाएगा. विश्वविद्यालय का अभी पिछले तीन वर्षों का एक्यूएआर लंबित चल रहा है.
वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 का एक्यूएआर अपलोड होने के बाद ही नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी. हालांकि विवि का इंटरनल क्वालिटी एश्योरंस सेल (आईक्यूएसी) इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है. विवि के जानकारों की मानें तो भवनों का हस्तांतरण लंबित होने के कारण एक्यूएआर अपलोड करने में विलंब हो रहा है. बता दें कि विवि के पीजी विभागों के जीर्णोद्धार के साथ ही नए भवन का निर्माण भी किया गया है. साथ ही छात्रावास भवनों का भी जीर्णोद्धार कराया गया है. इन भवनों का अभी तक विवि प्रशासन को हस्तांतरण नहीं हो सका है, जिससे एक्यूएआर को अंतिम रूप देने में परेशानी हो रही है. एक्यूएआर में संस्थान के आधारभूत संरचनाओं की विस्तार से जानकारी देनी होती है. विवि के अधिकारियों का कहना है कि भवन हस्तांतरण को लेकर तेजी से काम चल रहा है. जल्द ही भवनों का हस्तांतरण हो जाएगा जिसके बाद एक्यूएआर अपलोड हो जाएगा. बता दें कि नैक ने एक्यूएआर अपलोड करने की समय सीमा 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है.