बिहार

मुजफ्फरपुर: बालिका गृह से गायब दो लड़कियों का 41 महीने बाद भी नहीं मिला सुराग, 2018 में दर्ज एफआईआर में कार्रवाई करना भूली पुलिस, अबतक बदले चार आईओ

Renuka Sahu
6 Feb 2022 2:05 AM GMT
मुजफ्फरपुर: बालिका गृह से गायब दो लड़कियों का 41 महीने बाद भी नहीं मिला सुराग, 2018 में दर्ज एफआईआर में कार्रवाई करना भूली पुलिस, अबतक बदले चार आईओ
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फाइल फोटो 

बालिका गृह से गायब चार लड़कियों के मामले की छानबीन के लिए बीते 41 माह में नगर थाने के चार आईओ बदल गये, लेकिन कार्रवाई एफआईआर से आगे नहीं बढ़ी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।बालिका गृह से गायब चार लड़कियों के मामले की छानबीन के लिए बीते 41 माह में नगर थाने के चार आईओ बदल गये, लेकिन कार्रवाई एफआईआर से आगे नहीं बढ़ी।गायब चार लड़कियों में दो का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। बालिकागृह के रजिस्टर में दोनों लापता लड़कियों के नाम-पते गलत अंकित किये गये थे। तीन साल से अधिक समय बीतने के बावजूद इस कांड में पुलिस की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ने से सवाल उठ रहे हैं।

पटना के गायघाट उत्तर रक्षा गृह को लेकर हाल में उठे मामले के बाद इस कांड की एसएसपी जयंतकांत ने समीक्षा की है। नगर डीएसपी रामनरेश पासवान से मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी गई है। बालिकागृह कांड के दौरान तत्कालीन एसएसपी हरप्रीत कौर ने बालिकागृह के रजिस्टर की जांच की थी, जिसमें 2013 में चार किशोरियों के पलायन का जिक्र था, लेकिन इस संबंध में बालिकागृह प्रबंधन या समाज कल्याण विभाग की ओर से थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं करायी गई थी।
पलायन करने वाली किशोरियों में उत्तरप्रदेश के इटावा, नई दिल्ली के पहाड़गंज, एक मधबुनी के फुलपरास और मुजफ्फरपुर के अहियापुर की थीं। उधर, बालिकागृह की किशोरियों ने दुष्कर्म के बाद दो किशोरियों की हत्या कर दी जाने का 164 के तहत बयान दिया था। ऐसी स्थिति में पलायन करने वाली चारों किशोरियों के संबंध में उनके गायब होने के पांच साल के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। तत्कालीन एसएसपी ने पुलिस लाइन से एएसआई योगेंद्र महतो को चारों किशोरियों के गृह पते पर जाकर छानबीन करने का आदेश दिया।
योगेंद्र महतो ने छानबीन के बाद रिपोर्ट दी कि उत्तर प्रदेश के इटावा की किशोरी लखनऊ के मोतीनगर स्थित राजकीय पाश्चावर्ती गृह में मिली। अहियापुर की किशोरी का विवाह हो चुका था। नई दिल्ली के पहाड़गंज और फुलपरास की किशोरी का कोई सुराग नहीं मिला। उस नाम की कोई किशोरी के होने की जानकारी भी मोहल्ला के लोगों ने पुलिस को नहीं दी। इस तरह एएसआई योगेंद्र महतो की रिपोर्ट के आधार पर नगर थाने में 2 अगस्त 2018 को एफआईआर दर्ज की गई।
इस कांड के दो आईओ बन चुके थानेदार
मामले में पहले जांच अधिकारी योगेंद्र महतो बने, दूसरे आईओ धर्मेंद्र कुमार, तीसरे आईओ रवि गुप्ता और चौथे आईओ सुखीचंद गुप्ता को बनाया गया है। इन चारों पदाधिकारियों में धर्मेंद्र कुमार और रवि गुप्ता थानेदार बन चुके हैं। धर्मेंद्र कुमार अभी यातायात थाने में थानेदार हैं और रवि गुप्ता पियर थाने के थानेदार हैं।
एसएसपी जयंतकांत ने कहा, 'लंबित कांडों की समीक्षा में यह मामला संज्ञान में आया है। नगर डीएसपी को मामले में अब तक की कार्रवाई के आधार पर प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया जा रहा है।'
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