Muzaffarpur: महेशपुर उच्च माध्यमिक स्कूल के जर्जर कमरे की गिर रही छत
पटना: डेस्क सदर प्रखण्ड के तारापुर दियारा पंचायत अंतर्गत चल रहे उच्च माध्यमिक +2 विद्यालय महेशपुर महज दो कमरों में चलता है. जबकि तीन कमरा अत्यंत ही जर्जर है, जो टूट-टूटकर हमेशा गिरते रहता है. इस विद्यालय में कुल चौदह शिक्षक कार्यरत हैं और वर्ग एक से आठ तक कुल 152 बच्चे पठन पाठन करते हैं. वहीं 9 से बारहवीं तक कुल 33 बच्चे नामांकित हैं.
विद्यालय के पठन पाठन को संचालित कर रहे प्रधानाध्यापक उत्तम कुमार ने बताया कि सदर प्रखंड का यह ऐसा विद्यालय है, जिसमें कक्षा एक से बारहवीं तक की पढ़ाई दो कमरों में संचालित हो रहा है. कमरे के आभाव में स्मार्ट क्लास भी संचालित नहीं हो रहा है. वहीं विद्यालय के छात्रों ने बताया कि यहाँ पढाई तो सुचारू रूप से होती है, मगर क्लास रूम के आभाव में जैसे- तैसे बैठाया जाता है, जिसके कारण पढ़ाई करने में काफी परेशानियां होती है. छात्रों ने बताया कि बरसात के दिनों में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. स्कूल में किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है
जर्जर तीन कमरे व वर्ग कक्षा की कमी के संबंध में विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है. मात्र दो ही कमरे पढ़ाई योग्य रहने के कारण पठन-पाठन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
-उत्तम कुमार, प्रधानाध्यापक उच्च माध्यमिक विद्यालय महेशपुर
दो वर्ग कक्ष के अतिरिक्त दो कमरा कई वर्षों से टूटकर गिर रहा है. दो ही कमरे में कक्षा एक से 12 वीं तक की पढ़ाई आखिर कैसे होती है यह तो अपने-आप में आश्चर्य की बात है. लेकिन यह सोचने पर मजबूर अवश्य कर देता है कि राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था आखिर किस प्रकार की है. यह स्थिति न सिर्फ महेशपुर की है, बल्कि कई ऐसे स्कूल हैं. कहीं वर्ग कक्ष है तो शिक्षक नहीं और कहीं शिक्षक है तो वहां कमरे की आभाव है.