Muzaffarpur: पुलिस ने मृत हथियार धारकों के हथियार और लाइसेंस का सुराग ढूंढना शुरू किया
मुजफ्फरपुर: लाइसेंसी हथियार धारकों की मृत्यु के बाद उनके हथियार और लाइसेंस के दुरुपयोग की आशंका है. उनके लाइसेंस पर गोलियां खरीदकर अपराधियों को बेचे जाने की बात सामने आ रही है. इसके मद्देनजर पुलिस ने मृत हथियार धारकों के हथियार और लाइसेंस का सुराग ढूंढना शुरू कर दिया है.
मुख्यालय से आए निर्देश के आलोक में सभी थानेदारों को मृत लोगों के हथियारों और लाइसेंस के संबंध में जानकारी जुटाने का निर्देश दिया गया है. पुलिस को पता लगाने के लिए कहा गया है कि हथियार धारक की मृत्यु कब हुई, उनके हथियार अभी कहां हैं.
बीते साल चुनाव के दौरान जिले में लाइसेंसी हथियारों का सत्यापन कराया गया था, जिसमें 3200 से अधिक हथियार धारकों के मृत होने की बात सामने आई थी. इन दो वर्षों के दौरान भी कई हथियार धारकों की मौत हुई है. अब सभी थानेदार यह पता लगायेंगे कि उनके इलाके में बीते 10 साल पहले कितने हथियार धारक थे. इस अवधि में कितने नए हथियार धारक हुए और कितने की मृत्यु हुई.
भोजपुर का मास्टरमाइंड फर्जी लाइसेंस पर खरीद रहा हथियार: भोजपुर का मास्टरमाइंड विक्की तिवारी और मनोज यादव दो से तीन लाख रुपये देने पर महज एक घंटे के अंदर फर्जी लाइसेंस पर हथियार दुकान से पिस्टल व गोलियां खरीदकर मुहैया करा दे रहा है. मुजफ्फरपुर में बीते चार अक्टूबर को फर्जी लाइसेंस पर ली गई पिस्टल व गोलियों के साथ गार्ड की नौकरी कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें खुलासा हुआ कि विक्की तिवारी और मनोज यादव ने इन चारों गार्ड को महज एक घंटे के अंदर लाइसेंस व हथियार मुहैया करा दिये, जिसके आधार पर चारों गार्ड की नौकरी कर रहे थे. अब तक विक्की और मनोज का सुराग पुलिस नहीं ढूंढ पाई है.