बिहार

Muzaffarpur: 15 दिनों से बोरिंग से निकल रहा गंदा-बदबूदार पानी

Admindelhi1
4 Jun 2024 10:02 AM GMT
Muzaffarpur: 15 दिनों से बोरिंग से निकल रहा गंदा-बदबूदार पानी
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गरीब-गुरबों को पानी पीने के साथ ही खाना बनाने के लिये या तो दलहट्टा से पानी मंगवाना पड़ रहा है

मुजफ्फरपुर: नगर के वार्ड नंबर 5 चंडिका स्थान के समीप कई बोरिंग पिछले 15 दिनों से दुर्गंध युक्त पानी निकल रहा है. लिहाजा गरीब-गुरबों को पानी पीने के साथ ही खाना बनाने के लिये या तो दलहट्टा से पानी मंगवाना पड़ रहा है, या फिर बंद बोतल खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर है. लगभग 70 परिवार दुर्गंध पानी से परेशान हैं.

पानी को लेकर वार्डवासियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा है. दुर्गंध पानी निकलने के कारण अब तक कई छोटे-छोटे बच्चे डायरिया के शिकार हो चुके हैं, तो वहीं आम लोगों को पीने के पानी सहित अन्य कार्यो के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा . वार्डवासियों ने बताया कि बोरिंग से निकल रहे दुर्गंधयुक्त पानी से झाग निकल रहा है तथा दुर्गंध भी दे रहा है. अगर अविलंब इसकी ठोस व्यवस्था नहीं की गई तो महामारी हो सकती है और बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हो सकता है . वार्डवासी राजकपूर, मंटू सिंह, कैलाश महतों, दिलीप मंडल, जितेन्द्र कुमार ने कहा कि नगर प्रशासन को इस ओर ओर अविलंब ध्यान देना चाहिए . जिससे कि आम लोगों की जान बच सके . उधर इस संबंध में पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता अविरंजन से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में पीएचडी पानी सप्लाई नहीं कर रहा है, लेकिन कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा की कहीं फिल्टर लीकेज हो गया होगा, यही कारण है कि पानी से दुर्गंध आ रहा है.

मंदिर में सत्संग का किया आयोजन: संतमत सत्संग मंदिर असरगंज में सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस महाराज की 140 वीं जयंती श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर प्रभात फेरी गाजे- बाजे के साथ निकाली गई.

प्रभात फेरी के बाद सत्संग मंदिर में सत्संग का आयोजन किया गया. सत्संग में सत्संगी प्राचार्य अनिता कुमारी ने महर्षि मेंही परमहंस महाराज की जीवनी पर चर्चा करते हुए कहा कि महर्षि मेंही संतमत के प्रणेता थे. सीताराम तांती ने कहा कि गुरु महाराज ने बताया है कि ईश्वर पाने का रास्ता प्रत्येक मानव के अंदर में है. जिसे ध्यानाभाव, दृष्टि योग के माध्यम से पाया जा सकता है. इस अवसर पर सत्संग मंदिर के अध्यक्ष भगवान साह, सचिव प्रमोद साह, व्यवस्थापिका शांति देवी, हरिचरण चौरसिया, सुगंधा देवी, जयहिंद आदि मौजूद थे.

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