बिहार

सीडीपीओ प्रारंभिक परीक्षा के दौरान सीएम कॉलेज केंद्र पर पकड़ा गया मुन्ना भाई, जूते में रखा था मोबाइल

Rani Sahu
15 May 2022 1:52 PM GMT
सीडीपीओ प्रारंभिक परीक्षा के दौरान सीएम कॉलेज केंद्र पर पकड़ा गया मुन्ना भाई, जूते में रखा था मोबाइल
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बिहार लोक सेवा आयोग ने सीडीपीओ प्रारंभिक परीक्षा के दौरान रविवार को दरभंगा जिले के सीएम कॉलेज केंद्र पर एक मुन्ना भाई पकड़ा (Munna Bhai Caught In Darbhanga During BPSC CDPO Exam) गया

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग ने सीडीपीओ प्रारंभिक परीक्षा के दौरान रविवार को दरभंगा जिले के सीएम कॉलेज केंद्र पर एक मुन्ना भाई पकड़ा (Munna Bhai Caught In Darbhanga During BPSC CDPO Exam) गया. उम्मीदवार परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल के लेकर प्रवेश कर गया था. उसने जूते के भीतर मोबाइल को छुपाकर रखा था. मामले की जानकारी मिलते ही केंद्राधीक्षक ने युवक को पुलिस के हवाले कर दिया. प्रारंभिक पूछताछ में युवक मधेपुरा जिले का नागरिक बताया जा रहा है.

287 पदों के लिए हुई परीक्षाः बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से बाल विकास परियोजना अधिकारी के 287 पदों पर के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया. बता दें कि हाल में बीपीएससी पर्चा लीक मामले के बाद आयोग के अधिकारी, जिला के डीएम और एसपी स्वंय परीक्षा की निगरानी में मुस्तैद दिखे. परीक्षा को लेकर राजधानी पटना सहित सभी केंद्रों पर काफी सख्ती देखी गयी.
पटना में 32 केंद्रों पर हुई परीक्षा: पटना जिले में 32 केंद्र (CDPO Exam Patna) बनाए गए थे. इन केंद्रों पर 19685 अभ्यर्थियों के लिए सभी व्यवस्थाएं की गयी थी . परीक्षा दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित की गयी. परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर प्रशासनिक अधिकारी पहले से ज्यादा मुस्तैद थे.
परीक्षा केंद्र के पास लागू था धारा 144: परीक्षा को लेकर अधिकारी और पदाधिकारी शनिवार से ही मुस्तैद है. पिछले हफ्ते बीपीएससी का पेपर लीक होने के बाद प्रशासन पूरी एहतियात बरत रहा था. सभी परीक्षा केंद्रों पर दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी. परीक्षा केंद्र के आसपास धारा 144 लागू रहा.
प्रश्न पत्र खुलने के दौरान करायी गयी वीडियोग्राफी: केंद्रों पर सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाया गया था. प्रश्न पत्र खोले जाने के दौरान सभी सेंटरों पर वीडियोग्राफी की गयी. इस दौरान अधिकारी, पदाधिकारी और सुरक्षा बल सबों के लिए मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया गया था. सभी परीक्षा केंद्रों के मुख्य द्वारों पर अभ्यर्थियों की सघन जांच की व्यवस्था की गयी थी.


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